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सुप्रीम कोर्ट ने अखबार में छपी रामदेव की माफी को बताया अयोग्य, फिर से जारी करने का आदेश

नई दिल्ली। पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से जुड़े अवमानना के मामले की आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण कोर्ट में मौजूद रहे. जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने सुनवाई की. आज की सुनवाई में भी बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को राहत नहीं मिली. उन्हें 30 अप्रैल को फिर कोर्ट के सामने उपस्थित होना होगा.

सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पतंजलि ने अखबार में माफीनामा प्रकाशित कर माफी मांगी है. अखबार में सोमवार को माफीनामा का विज्ञापन दिया गया था. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आपने किस साइज में विज्ञापन दिया है. जस्टिस कोहली ने कहा कि आपने कुछ नहीं किया. जस्टिस कोहली ने कहा कि एक सप्ताह बाद कल क्यों किया गया. क्या माफी का आकार आपके सभी विज्ञापनों में समान है. वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि इसकी कीमत दस लाख है. सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से कहा कि अखबार में छपी आपकी माफी अयोग्य है. कोर्ट ने अतिरिक्त विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया.

बेंच ने केंद्र सरकार से भी पूछा सवाल

जस्टिस कोहली ने कहा कि आज सूचीबद्ध यह हस्तक्षेपकर्ता कौन है? ऐसा लगता है कि वह प्रस्तावित अवमाननाकर्ताओं का समर्थन करना चाहते हैं. वह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पर जुर्माना लगाना चाहते हैं. जस्टिस कोहली ने कहा कि हम बहुत उत्सुक हैं, इस एप्लिकेशन के समय को लेकर. हम जानना चाहते हैं कि यह व्यक्ति कौन है. हमें उसे अपने सामने रखना होगा.

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