छत्तीसगढ़

आदिम जाति कल्याण विभाग के कर्मचारी करेंगे संचालनालय का घेराव, 19 जुलाई को 8 हजार कर्मचारी धरना स्थल पर होंगे एकत्रित, जानिए इनकी मांगे

रायपुर। आदिम जाति कल्याण विभाग कर्मचारी संघ अपनी मांगों को लेकर 19 जुलाई को संचालनालय का घेराव करेगी..बताया जा रहा है कि विभाग द्वारा संचालित छात्रावास/आश्रम में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अपनी मांगो को लेकर समय-समय पर पत्रों के माध्यम से अवगत कराते हैं..लेकिन उनके मांगों को सुना नहीं जाता है. जिसे लेकर कर्मचारियों में काफी आक्रोश है. इससे पहले 19 जून 2024 को आंदोलन के संबंध में पत्र सौंपा गया था। जिसके पहले चरण में संचनालय घेराव करने का निर्णय लिया है. जिसमें प्रदेश भर के लगभग 8000 कर्मचारी एक दिन का अवकाश लेकर नवा रायपुर धरना स्थल में एकत्रित होकर घेराव के लिए कूच करेंगे. आंदोलन की तैयारी युद्ध स्तर पर जारी है। वहीं 15 जुलाई को प्रत्येक जिले में सामुहिक आवेदन का कॉपी कार्यालय प्रमुख को सौंप दिया गया है।

संगठन की मांग

संगठन की मांग है कि विभाग में स्वीकृत पदों के विरूद्ध कार्यरत कर्मचारियों को आकास्मिक निधि के पदों पर समायोजन कर वेतनमान लाभ दे, और विभाग में दैनिक वेतन पूर्णत बंद हो. महासमुंद जिले में वेतन निर्धारण के बाद भी 157 कर्मचारियों को नियमित वेतन से वंचित रखा गया. जिसके कारण लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया. जिससे कर्मचारी आक्रोशित है. विभाग में पदोन्नति के लिए नवीन पद सृजित कर लाभ प्रदान करें या फिर 25 प्रतिशत अधिक्षक पदों क आरक्षित कर लाभ प्रदान करें।

विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को अन्य शासकीय अवकाश का सुविधा प्रदान करने, अनिवार्य सेवा के नाम पर हर प्रकार सुविधाएं से वंचित रखा गया है ग्रीष्मकालिन में हॉस्टल बंद की स्थिति में दैनिक कर्मचारी को बैठाकर नियमित कर्मचाऱियों पर दवाब डालकर कार्य लिया जाता है, जबकि उस समय भी मानवीय दृष्टिकोण से अवकाश की भरपाई कर सकते हैं या फिर अन्य अनिवार्य सेवा विभाग की तरह अतिरिक्त वेतन, बोनस की घोषणा करें, इसी प्रकार और छोटी-छोटी समस्याएं हैं जिससे हमेशा टकराव स्थिति निर्मित होता रहा है जिसके लिए स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने शासन प्रशासन से लगातार मांग करते आ रहे, कुछ मांगे पर एक वर्ष पहले लिखित में समझौता होने के उपरांत भी निराकरण नहीं होने के कारण मजबूरन इस प्रकार के रास्ता संघीय नियमों अधिकारों की तहत् लिया गया है।

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रायपुर। आदिम जाति कल्याण विभाग कर्मचारी संघ अपनी मांगों को लेकर 19 जुलाई को संचालनालय का घेराव करेगी..बताया जा रहा है कि विभाग द्वारा संचालित छात्रावास/आश्रम में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अपनी मांगो को लेकर समय-समय पर पत्रों के माध्यम से अवगत कराते हैं..लेकिन उनके मांगों को सुना नहीं जाता है. जिसे लेकर कर्मचारियों में काफी आक्रोश है. इससे पहले 19 जून 2024 को आंदोलन के संबंध में पत्र सौंपा गया था। जिसके पहले चरण में संचनालय घेराव करने का निर्णय लिया है. जिसमें प्रदेश भर के लगभग 8000 कर्मचारी एक दिन का अवकाश लेकर नवा रायपुर धरना स्थल में एकत्रित होकर घेराव के लिए कूच करेंगे. आंदोलन की तैयारी युद्ध स्तर पर जारी है। वहीं 15 जुलाई को प्रत्येक जिले में सामुहिक आवेदन का कॉपी कार्यालय प्रमुख को सौंप दिया गया है।

संगठन की मांग

संगठन की मांग है कि विभाग में स्वीकृत पदों के विरूद्ध कार्यरत कर्मचारियों को आकास्मिक निधि के पदों पर समायोजन कर वेतनमान लाभ दे, और विभाग में दैनिक वेतन पूर्णत बंद हो. महासमुंद जिले में वेतन निर्धारण के बाद भी 157 कर्मचारियों को नियमित वेतन से वंचित रखा गया. जिसके कारण लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया. जिससे कर्मचारी आक्रोशित है. विभाग में पदोन्नति के लिए नवीन पद सृजित कर लाभ प्रदान करें या फिर 25 प्रतिशत अधिक्षक पदों क आरक्षित कर लाभ प्रदान करें।

विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को अन्य शासकीय अवकाश का सुविधा प्रदान करने, अनिवार्य सेवा के नाम पर हर प्रकार सुविधाएं से वंचित रखा गया है ग्रीष्मकालिन में हॉस्टल बंद की स्थिति में दैनिक कर्मचारी को बैठाकर नियमित कर्मचाऱियों पर दवाब डालकर कार्य लिया जाता है, जबकि उस समय भी मानवीय दृष्टिकोण से अवकाश की भरपाई कर सकते हैं या फिर अन्य अनिवार्य सेवा विभाग की तरह अतिरिक्त वेतन, बोनस की घोषणा करें, इसी प्रकार और छोटी-छोटी समस्याएं हैं जिससे हमेशा टकराव स्थिति निर्मित होता रहा है जिसके लिए स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने शासन प्रशासन से लगातार मांग करते आ रहे, कुछ मांगे पर एक वर्ष पहले लिखित में समझौता होने के उपरांत भी निराकरण नहीं होने के कारण मजबूरन इस प्रकार के रास्ता संघीय नियमों अधिकारों की तहत् लिया गया है।

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