Koreya: मनरेगा में एक और उपलब्धि, 5 जिलों को पछाड़ हासिल किया नंबर 1 का तमगा, जानिए

संजय गुप्ता@कोरिया। (Koreya) कोरिया जिले ने मनरेगा में एक और उपलब्धि हासिल की है। राज्य द्वारा जारी एमआईएस रिपोर्ट्स के अनुसार बीते माह सितंबर 2020 में महात्मा गांधी मनरेगा के अंतर्गत श्रमिक परिवारों को 100 दिवस का रोजगार देने में कोरिया जिले ने पूरे प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है।(Koreya) उल्लेखनीय है कि प्रदेश के टॉप 5 जिलों में कोरिया जिला प्रथम स्थान पर है तथा इसके बाद रायपुर, रायगढ़, सूरजपुर एवं गौरेला पेंड्रा-मरवाही जिला शामिल हैं।
(Koreya) कोरिया जिले में अलग अलग गांवों में रहने वाले पंजीकृत मनरेगा श्रमिकों के 978 परिवारों ने सितम्बर माह में ही 100 दिन से ज्यादा का रोजगार प्राप्त कर लिया। जिले में बीते माह के दौरान 100 दिन का रोजगार प्राप्त कर लेने के बाद 100 दिन अकुशल श्रम की गारंटी पाने वाले कुल परिवारों की संख्या अब 3166 हो चुकी है।
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कलेक्टर सत्यनारायण राठौर ने इस उपलब्धि पर सीईओ जिला पंचायत तूलिका प्रजापति एवं पूरी मनरेगा की टीम को उनकी अथक मेहनत के लिए बधाई प्रेषित की है। कलेक्टर ने कहा कि कोरिया जिले का प्रथम स्थान पर आना बेहद खुशी की बात है। जिले के श्रमिक परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने के निरंतर प्रयासों का ही यह परिणाम है। प्रशासन का यही प्रयास रहेगा कि ज्यादा से ज्यादा परिवार को उचित रोजगार उपलब्ध होता रहे।
जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी तूलिका प्रजापति ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य द्वारा 100 दिवस के सुनिश्चित रोजगार प्राप्त परिवार की संख्या का वार्षिक लक्ष्य निश्चित किया गया है। माह सितंबर में राज्य के अन्य जिलों की तुलना में कोरिया जिले ने सर्वाधिक मनरेगा परिवारों को इस श्रेणी में लाने की सफलता अर्जित की है। यह आंकड़ा गत माह अगस्त के अंत मे 2188 था जो कि सितम्बर अंत तक 3166 हो गया है। यानी 978 परिवार इसी माह 100 दिन से ज्यादा का सुनिश्चित रोजगार प्राप्त कर चुके हैं।
मनरेगा योजना से लॉकडाउन में नहीं हुआ रोजगार का कोई संकट कोरिया जिले के सुदूर अंचल के ग्रमीण अर्थव्यवस्था का मुख्य साधन बना रहा ।लाकडाउन के समय बाहर से वापस अपने घर आये मजदूरों को आसानी से अपने गृह ग्राम में रोजगार मिल सका साथ मे जिनका नाम रोजगार गारंटी में नही था उनका भी नाम जोड़ दिया गया जिस वजह से लाकडाउन के अवधि से लेकर अब तक कोरिया के मजदूरों के पलायन में भी कमी आयी है ग्रामीण अंचल में मनरेगा रोजगर के लिये वरदान साबित हुआ है