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छत्तीसगढ़

जिले में हो रहा मजदूरों का बदस्तूर पलायन


मनीष सरवैया@महासमुंद. जिले के पांचों ब्लॉकों में मजदूर दलालों के माध्यम से लगातार महासमुंद जिले से गरीब मजदूरों का पलायन कर शोषण किया जा रहा है। विगत दिनों छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जिले में प्रवास के दौरान पत्रकारों की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने मामले की आईजी लेबल पर जांच करवा कर कार्रवाई करने की बात कही थी, लेकिन जिला प्रशासन मुख्यमंत्री के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए उनके आदेश की अहवेलना करते नजर आ रही है।

आपको बता दें कि बीती रात्रि पटेवा थाना क्षेत्र में कुछ मजदूरों को मजदूर दलाल पलायन कर महासमुंद जिले से बाहर ले जा रहे थे जिसकी शिकायत पटेवा पुलिस से की गई, शिकायत पर पटेवा पुलिस ने वाहन की जांच की जिसमें 12 मजदूर सवार थे, 12 मजदूरों के साथ तीन नाबालिग बच्चे भी पाए गए हैं। पटेवा पुलिस ने श्रम विभाग को मामले की जानकारी देकर मामले को श्रम विभाग के सुपुर्द कर दिया है। अब देखना यह है कि श्रम विभाग मजदूर दलाल के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है।

गौरतलब है कि महासमुंद जिले में सैकड़ों मजदूर दलाल विगत कई वर्षों से महासमुंद जिले से लाखों मजदूरों का पलायन करवाकर उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, कश्मीर सहित कई ऐसे प्रदेशों में ईट भट्टों पर मजदूरों से काम ले रहे हैं। कर्ज से दबे मजदूरों के मजबूरी का लाभ लेते हुए मजदूर दलाल करोड़ों का कारोबार कर रहे हैं। विगत कुछ वर्षों में यह भी देखा गया है कि कुछ मजदूरों की मौत भी हुई है।जिले में किसी भी मजदूर दलाल के खिलाफ अब तक बड़ी कार्यवाही नहीं हुई। जिले में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि मजदूर दलाल संबंधित विभागों को कार्यवाही ना करने की एवज में मोटी रकम प्रतिवर्ष देते हैं। मजदूर दलालों के साथ सरकारी विभाग के अधिकारियों सहित स्थानीय राजनेताओं के भी सांठगांठ होने की बातें कहीं जा रही है। लिहाजा महासमुंद जिले में गरीब मजदूरों का शोषण बदस्तूर जारी है।

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