छत्तीसगढ़धमतरी

दो परिवारों की मुलाकात, चर्चा और फिर लड़के लड़की की आपसी सहमति, दो बच्चों को माता पिता की छत्रछाया मिली, दो अधूरे परिवार हुए पूरे

संदेश गुप्ता@धमतरी। जिले के प्रसिद्ध विंध्यवासिनी मंदिर में कल्याणी साहू और डॉ वीरेंद्र साहू तुलसी पूजा के दिन एक दूसरे के हो गए। पूरे समाज के सामने पूरे रीति रिवाज के साथ अग्नि के 7 फेरे लिए और जयमाला पहनाई। ये शादी पूरे समाज के लिए एक नया संदेश लेकर आई।

दरअसल 10 साल पहले कल्याणी का पहला विवाह महासमुंद के सांसद रहे चंदूलाल साहू के बेटे के साथ हुई थी, लेकिन शादी के चार साल बाद कल्याणी के पति की बीमारी के चलते मौत हो गई और कल्याणी अपने डेढ़ साल के बेटे के साथ अकेली पड़ गई। ऐसा ही कुछ डॉ वीरेंद्र साहू के साथ भी हुआ हार्ट अटैक से पत्नी चल बसी और एक बेटी छोड़ गई। दोनों ने ही इस अधूरेपन को पूरी जिंदगी का अभिशाप मान लिया था, क्योंकि समाज में विधुर का विवाह तो आसानी से स्वीकार्य रहा है लेकिन एक विधवा का दूसरा विवाह। कोई सोचता भी नहीं इसके बारे में लेकिन कल्याणी की माँ, और कल्याणी के ससुर यानी पूर्व सांसद चंदूलाल ने कल्याणी का घर दोबारा बसाने की सहमति बनाई और इसके लिए लगातार कई साल तक सही वर की तलाश करते रहे। आखिरकार ये तलाश धमतरी में खत्म हुई।
दोनो परिवारों की मुलाकात, चर्चा और फिर लड़के लड़की की आपसी सहमति से ,लड़के लड़की को नया जीवन साथी तो, दो बच्चों को माता पिता की छत्रछाया मिल गई दो अधूरे परिवार पूरे हो गए, और सभी समाजों को विधवा विवाह का क्रांतिकारी संदेश भी दिया।

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