छत्तीसगढ़

Chhattisgarh: समूह एक, काम अनेक : 50 हजार रूपए महीने की आमदनी सुन प्रसन्न हुए मुख्यमंत्री

रायपुर। (Chhattisgarh) यह आश्चर्य किन्तु सत्य है कि छत्तीसगढ़ में महिला स्व-सहायता समूह अपनी मेहनत और लगन से आर्थिक आत्मनिर्भरता की नयी कहानी गढ़ने लगे हैं। महिला स्व-सहायता समूहों को छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में निर्मित गौठान उनके द्वारा संचालित आयमूलक गतिविधियों के केन्द्र बिन्दु बन गए हैं। महिला स्व-सहायता समूह एक साथ आजीविका की कई गतिविधियों को संचालित कर हर महीने हजारों रूपए की अतिरिक्त आय अर्जित करने लगे हैं।

 महिला स्व-सहायता समूह की सफलता का एक ऐसा ही वाक्या आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में करोड़ो रूपए के विकास एवं निर्माण कार्याें के वर्चुअल लोकार्पण एवं भूमिपूजन के दौरान स्क्रीन पर देखने और सुनने को मिला। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले की ग्राम पंचायत बोरसी (ब) के गौठान से जुड़ी महामाया महिला स्व-सहायता समूह की ईश्वरी यदु ने बताया कि उनके समूह को मुर्गी पालन, सब्जी उत्पादन, सूकर पालन और मशरूम उत्पादन से महीने में लगभग 50 हजार रूपए की आमदनी होने लगी है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महिला समूह की सफलता पर प्रसन्नता जताते हुए बड़े ही अचरज से ईश्वरी यदु से छत्तीसगढ़ी में पूछा तुमन सब काम ला अकेल्ला कर डारथव। उन्होंने महिला समूह को मेहनत और लगन की प्रसंशा की और उन्हें बधाई दी। ईश्वरी यदु ने बताया कि सूकर पालन से दो माह में उनके समूह को 50 हजार रूपए, मुर्गी पालन से हर महीने 6 से 7 हजार रूपए, सब्जी उत्पादन से 7 हजार रूपए तथा मशरूम उत्पादन से 3 हजार रूपए की आमदनी होने लगी है। इस अवसर पर बिलाईगढ़ जनपद की ग्राम पंचायत बांस सुरकुली की जय महामाया महिला स्व-सहायता समूह की चौहान ने बताया कि गौठान में उनके समूह द्वारा तैयार 20 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट सोसायटी को विक्रय हेतु दे दी गई है। उनकी समूह को शासन की ओर राईस मिल और आटा चक्की भी प्रदाय की गई है, जिससे समूह को हर महीने 25 हजार रूपए की आमदनी होने लगी है। उनका समूह मशरूम उत्पादन भी कर रहा है, जिससे महीने में 5 हजार रूपए की आय हो रही है।

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