
नितिन@रायगढ़। मेडिकल कालेज परिसर में बीते कल तब अफरा तफरी का माहौल बन गया जब बीते तीन दिन पूर्व पेट दर्द की शिकायत से जूझ रहे पीड़ित युवक की मौत की सूचना पर उसके ग्रामीण परिजन भड़क गए।
युवक की मौत होने की जानकारी मिलने के बाद मृतक का भाई और उसके गांव वालों ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर के बाहर धरने में बैठ गए,और जोर_जोर से अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारे बाजी करने लगे। पीड़ित परिजनो का आरोप था,कि तीन दिन से दर्द में तड़प रहे मृत युवक को समय पर न तो मेडिकल कालेज के डाक्टरों ने देखा न ही उसके उचित इलाज का प्रयास किया। जिससे तीन दिन तक दर्द से कराहने के बाद आखिरकार उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने बताया कि रायगढ़ मेडिकल कालेज हॉस्पिटल में सोनोग्राफी और एमआरआई जैसी बुनियादी सुविधा उपलब्ध नहीं है,इसके लिए डॉक्टरों के कहने पर यहां आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को अस्पतालों या सेंटरों में भटकना पड़ता है। साथ ही अनावश्यक पैसे भी खर्चने पड़ते है। युवक की मौत के बात भड़के परिजनों का कहना था कि “जब मेडिकल कालेज में किसी प्रकार की सुविधा नही मिल रही है और यहां पदस्थ डॉक्टरों को भी अपनी जिम्मेदारी का एहसास नहीं है तो ऐसी स्थिति में मेडिकल कालेज के अस्पताल को अविलंब बंद करवा देना सही होगा।”
वही मेडिकल कालेज परिसर में मृतक के परिजनों के द्वारा उग्र विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर चक्रधर नगर पुलिस मौके पर आ पहुंची। पुलिस ने पीड़ित परिजनों को अपनी तरफ से समझाइस देने का प्रयास शुरू किया। लेकिन लापरवाह डॉक्टरों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर परिजन विरोध करते रहे।वही मेडिकल कालेज के अस्पताल के प्रबंधक डॉक्टर मनोज मिंज ने मृतक के परिजनों के आरोप को पूरी तरह से गलत बताते हुए,प्रबंधन की लापरवाही को सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही मृत युवक के परिजनों को अस्पताल प्रबंधन हर संभव सहायता देने की बात कही। बताया गया कि मृत युवक मुकेश पटेल जोरापाली गांव का रहने वाला था। जिसकी मौत के बाद नाराज हुए परिजन करीब दो से तीन घंटे तक विरोध करते रहे। बाद में पुलिस और अस्पताल प्रबंधन की समझाईश पर उन्होंने विरोध करना बंद किया। और शव प्राप्त करने की वैधानिक प्रक्रियाओ को पूरा कर युवक का शव अंतिम क्रियाकर्म के लिए अपने गांव ले गए।