रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में छत्तीसगढ़ शासन, आईआईएम रायपुर, एनआईटी रायपुर और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के बीच त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इस साझेदारी से “श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल नवाचार एवं उद्यमिता उत्कृष्टता केंद्र” की स्थापना होगी, जिसका निर्माण 2025-26 में शुरू होकर 2027-28 तक पूरा होगा।
मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन ने आईआईएम रायपुर और एनआईटी रायपुर के लिए कुल 172 करोड़ रुपये दान की घोषणा की है। 101 करोड़ आईआईएम और 71 करोड़ एनआईटी को मिलेंगे। आईआईएम में “ओसवाल छात्रावास” व “दाऊ राम गोपाल अग्रवाल नॉलेज सेंटर” बनेगा और अंतरराष्ट्रीय एमबीए कार्यक्रम शुरू होंगे। वहीं एनआईटी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित होगा, जो एआई, रोबोटिक्स, आईओटी, ब्लॉकचेन और क्लीन एनर्जी पर काम करेगा। यह केंद्र 2030 तक 10,000 युवाओं को प्रशिक्षित कर 250 स्टार्टअप्स को बढ़ावा देगा और 5,000 नौकरियां सृजित करेगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह कदम “छत्तीसगढ़ अंजोर विजन” को साकार करेगा और गांव-गांव शिक्षा व कौशल की क्रांति लाएगा। उन्होंने उद्योग जगत से भी इस अभियान में जुड़ने का आग्रह किया। उनका कहना था कि राज्य अब सेमीकंडक्टर, एआई, फार्मा, डिफेंस और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है और संसाधन-आधारित नहीं, बल्कि नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करेगा। फाउंडेशन के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने किसानों के लिए देश का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र रायपुर में बनाने की घोषणा की। कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षाविद और बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे।