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IAPSM का सुझाव- Covishield की दो डोज के बीच का गैप हो कम, अब सरकार कर रही विचार

नई दिल्ली। (IAPSM) भारत में कोविशील्ड वैक्सीन के दो डोज के बीच के गैप को कम किया जा सकता है. बता दें कि इससे पहले कोविशील्ड वैक्सीन के दो डोज के बीच तकरीबन 84 दिन का गैप रहता है. यह सुझाव इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (IAPSM) ने दिया है। यह संस्था हेल्ट सेंटर के क्षेत्र में कार्यरत हैं.कोविशील्ड की 59 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज नागरिकों को लगाई जा चुकी है. वैक्सीनेशन प्रक्रिया में सरकार और तेजी लाने की कोशिश में जुटी है. नए सुझाव के मुताबिक दो डोज के बीच के गैप को 12 हफ्ते से घटाकर 8 हफ्ते करने पर विचार विमर्श किया जा रहा है.

(IAPSM) कोविशील्ड के दोनों डोज के गैप को कम करने के लिए IAPSM ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है. संस्था का मानना है कि गैप कम करने से लोगों को जल्दी से जल्दी दोनों डोज लगाई जा सकेंगी. इससे संक्रमण का खतरा भी कम होगा. देखा गया है कि जिन लोगों ने दोनों डोज ले ली हैं उनमें एक डोज लेने वालों की तुलना में संक्रमण का खतरा कम रहता है.

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एक्सपर्ट्स का मानना है कि डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) की वजह से लोगों में इंफेक्शन का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ा है. वैक्सीन की डोज को लेकर समीक्षा की जरूरत है और इस दिशा में केंद्र सरकार विचार कर रही है.

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आईएपीएसएम की प्रेसिडेंट डॉ सुनीला गर्ग के मुताबिक, ‘वैक्सीन के गैप को कम करने के लिए हमारा सुझाव है और केंद्र इस पर विचार कर रही है. हमारी प्राथमिकता है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट किया जाए, हमारी सिफारिश है कि जिन्हें इंफेक्शन हो चुका है उन्हें वैक्सीन न दी जाए.’

वैक्सीन की कमी की वजह से किया था 16 हफ्ते

डोज के बीच गैप कम करने के पीछे हेल्थ एक्पर्ट्स की दलील है कि जब कोविशील्ड के दो डोज के बीच के अंतराल को बढ़ाकर अधिकतम 16 हफ्ते किया गया था उस वक्त देश में वैक्सीन की कमी थी. लेकिन अब देश में छह कंपनियों की वैक्सीन को इजाजत मिल चुकी है. गैप कम हुआ तो ज्यादा लोगों को पूरी तरह से वैक्सीनेट किया जा सकेगा और कोरोना मरीजों को गंभीर होने से या फिर अस्पताल में दाखिल होने से बचाया जा सकेगा.

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