सरगुजा-अंबिकापुर

Ambikapur: सामुदायिक भवनों के किराए को लेकर विपक्षी पार्षदों ने लगाए आरोप, तो निगम ने उठाया ये कदम, मगर….पढ़िए क्या है पूरा माजरा

शिवशंकर साहनी@अंबिकापुर। (Ambikapur)  नगर निगम के सामुदायिक भवनों को किराए मे दिए जाने और उसकी राशि में घपला का मामला तूल पकडता जा रहा है। निगम की पहली सामान्य सभा में उठे इस मुद्दे को लेकर निगम प्रशासन ने भवनों के ठेकेदार को नोटिस जारी कर राशि जमा करने का फरमान जारी किया है। वहीं विपक्षी दल के पार्षद इस मामले मे अभी भी पूरी प्रकिया को नियम विरुद्ध बता रहे हैं। वही ठेकेदार के रिश्तेदार इस मामले मे किसी भी तरह के भष्ट्राचार को नकार रहे हैं।

(Ambikapur) अंबिकापुर में नगर निगम के अधीन आने वाले राजमोहनी देवी भवन, सरगुजा सदन औऱ श्यामा प्रसाद मुखर्जी भवन को ठेकेदारी में दिए जाने का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। मामले को लेकर निगम आयुक्त ने इन भवनों के ठेकेदार को निगम की देनदारी वाली राशि जमा करने का फरमान जारी कर दिया है। लेकिन मुद्दे को सामान्य सभा मे उठाने वाले भाजपा पार्षद आलोक दुबे अपनी बातों को लेकर अब भी अडे हुए हैं।

उनके मुताबिक 2012 में 10 साल के लिए इन भवनों को ठेके में दिया गया था। जबकि निगम अधिनियम के मुताबिक 3 या 5 साल से अधिक निगम के किसी भवन को ठेके मे नहीं दिया जा सकता। इसके अलावा पार्षद आलोक दुबे के मुताबिक सरगुजा सदन , राजमोहनी देवी भवन समेत निगम क्षेत्र के तीन भवनों को किराए में लेने वाले ठेकेदार पर 2017 से 2020 तक निगम को 1 करोड 10 लाख रूपए किराया देना है। लेकिन वो निगम के अधिकारी कर्मचारियों के परिवार वालों के बर्थ-डे पार्टी का बिल लगाकर इस राशि को समायोजन करना चाहते हैं, जो कि गलत है।

बीजेपी के आरोपों को कांग्रेस ठेकेदार के भाई ने बताया निराधार

(Ambikapur) दरअसल नगर निगम अम्बिकापुर को इन तीनो भवनों के ठेकेदार से 1 करोड 10 लाख रूपए लेना है। लेकिन ठेकेदार के भाई की माने तो इस मामले मे कोई चोरी नहीं हुई है। क्योंकि अगर हमको निगम को 1 करोड 10 लाख रूपए देना है। तब निगम द्वारा आयोजित सीएम के कार्यक्रम, सामान्य सभा जैसे कई शासकीय आयोजनों का बकाया 82 लाख रूपए हमको भी निगम से लेना है। वही ठेकेदार के भाई और कांग्रेस नेता ने भाजपा पार्षद आलोक दुबे के आरोपों का निराधार बताते हुए कहा कि निगम अधिकारी, कर्मचारी के परिवार की पार्टी के बिल नहीं दिए गए हैं।

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निगम आयुक्त ने कही ये बात

निगम मे मचे इस बवाल पर निगम आयुक्त ठेकेदार औऱ महापौर के बीच सांठगांठ कर ठेकेदार से लेने वाली राशि के समायोजन का षडयंत्र रचने का आऱोप है। महापौर डॉ अजय तिर्की खुद ये मान रहे हैं कि ठेकेदार पर बची निगम की राशि के लिए उनको नोटिस जारी कर दिया गया है। लेकिन निगम के आय़ोजन की बची राशि ठेकेदार को देने के लिए राशि का समायोजन कर बची राशि ठेकेदार से वसूली जाएगी।

 

 

 

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