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RBI monetary policy: ब्याज दरों में नहीं हुआ बदलाव, 4 फीसद ही रहेगा रेपो रेट, गर्वनर शक्तिकांत दास ने किया ऐलान

मुंबई। ओमिक्रॉन वायरस का खतरा बना रहने और वैश्विक चुनौतियों के बीच घरेलू अर्थव्यवस्था को मौद्रिक नीति के माध्यम से समर्थन बनाए रखने का निर्णय करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिशत के वर्तमान स्तर पर बनाए रखा है।

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक में रिवर्स रेपो (3.5प्रतिशत), बैंक दर (4.25 प्रतिशत) और उधार की सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) की दर को भी 4.25 प्रतिशत पर बनाए रखा है।

बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्ति कांत दास ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि समिति ने सर्वसम्मति से नीतिगत दरों को फिलहाल वर्तमान स्तर पर बनाए रखने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि समिति ने एक के मुकाबले पांच वोट से नीतिगत रुख को भी अभी उदार बनाए रखने का निर्णय किया।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मंहगाई अब भी बर्दाश्त की सीमा की परीक्षा ले रही है। चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वर्तमान चौथी तिमाही में यह दर 5.7 प्रतिशत तक रह सकती है। वर्ष 2022-23 में मुद्रास्फीति औसतन 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

रिजर्व बैंक ने अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

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