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जितना महंगा होगा सोना, उतनी ही कम होगी आपकी EMI, ये है वजह

नई दिल्ली। अमेरिकी महंगाई के आंकड़ों के फ्लैट नोट पर रहना और यूएस फेड के साथ भारत में भी ब्याज दरों में कटौती के संकेत मिलना गोल्ड को सपोर्ट कर रहा है. इसका मतलब है कि गोल्ड में जितना इजाफा होगा, आम लोगों की ईएमआई में कटौती का दावा और मजबूत होगा. जानकारों का ​कहना है कि फेड रिजर्व की मीटिंग जून से पहले 30 अप्रैल से 1 मई को होनी है.

इस दिन अमेरिकी सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर सकता है. जिसके बाद 6 से 8 जून के बीच आरबीआई एमपीसी की मीटिंग में ब्याज दरों को कम करने का ऐलान संभव है. तब गोल्ड के दाम 75 हजार रुपए के लेवल पर पहुंचने के आसार हैं. तो आइए समझने की कोशिश करते हैं कि गोल्ड के बढ़ते दाम और आम लोगों की लोन ईएमआई का सीधा कनेक्शन क्या है?

क्या गोल्ड की बढ़ती कीमतें आम लोगों की लोन ईएमआई कम होने का संकेत दे रहा है? इस मामले में जानकारों का क्या कहना है? सबसे बड़ा सवाल अमेरिकी सेंट्रल बैंक अगर 1 मई को ब्याज दरों में कटौती का ऐलान करना है तो सोने के दाम 75 हजार रुपए के करीब पहुंच सकते हैं?

क्या गोल्ड में तेजी ईएमआई कम होने के संकेत?

एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी करेंसी के हेड अनुज गुप्ता के अनुसार गोल्ड में तेजी का मतलब है कि महंगाई के आंकड़ें कम हो रहे हैं. इसका सीधा असर आम लोगों की ईएमआई में देखने को मिलता है. उन्होंने कहा कि जिस तर​ह के अमेरिका में महंगाई के आंकड़ें देखने को मिल रहे हैं. उसका मतलब है कि अमेरिकी फेड जून की मीटिंग से पहले होने वाली बैठक में ही ब्याज दरों में कटौती कर सकती है. ये बैठक 30 अप्रैल और 1 मई के बीच होगी. उसके बाद जून के पहले हफ्ते आरबीआई भी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. जिसकी उम्मीदें इस बात से भी बढ़ गई है कि आरबीआई ने जो महंगाई का अनुमान लगाया है वो 4 फीसदी के आसपास का है.

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