नितिन@रायगढ़। सालों से जारी शोषण और असुरक्षा को लेकर जिले के सबसे बड़े उद्योग समूह जेएसपीएल रायगढ़ के विरुद्ध आज आखिरकार हजारों ठेका कर्मियों ने हल्ला बोल दिया हैं।
बताया जा रहा है कि हड़ताली ठेका कर्मीयों ने जेएसपीएल पतरापाली के आजाद चौक से सड़क पर करीब 2 km लंबा जाम लगा दिया है। जिससे सड़क पर न केवल आवागामन को पूरी तरह से बाधित हुआ है बल्कि जिंदल स्टील का काम भी प्रभावित हो गया है।
नाराज ठेका कर्मियों का कहना है कि सालों से उनकी मांग और सुरक्षा को लेकर न तो जिंदल प्रबंधन न ही कंपनी को ठेकेदार ध्यान नही दे रहे हैं। जिसकी वजह से आज उन्हे मजबूर होकर सड़क पर उतरना पड़ा है।
उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी के ठेकेदार किस तरह से उनका शोषण करते है,उन्हे ओवरटाइम काम करवा कर भी शासन के द्वारा निर्धारित दर पर वेतन नही दिया जाता है। इसके लिए हमने कई बार प्रबंधन को पत्र और ज्ञापन दिया, लेकिन किसी तरह की कार्यवाही नही की गई। जिंदल में ठेका कर्मी मजदुर को मासिक 21215/-रु शासन द्वारा निर्धारित वेतन से भी कम राशि दी जा रही है।
अतः हम सभी ठेका कर्मचारी इतने कम वेतन में कार्य करने में असमर्थ है। इसके साथ ही कंपनी के हम ठेका कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर भी बड़ी लापरवाही करती रही है। ज्यादातर ठेका मजदूरों को जूते,हेलमेट और सेफ्टी जैकेट भी नही दिए जाते है। कभी कोई दुर्घटना हो जाए तो भी आहत ठेका कर्मियों को समय पर उचित इलाज नहीं मिल पाता है। ऊपर से ठेकेदार अपने कर्मचारियों से दुर्व्यवहार करते है। महीनों उन्हे वेतन से वंचित रखा जाता है।
अतः हम सबने मिलकर यह तय किया है कि जिंदल प्रबंधन और उनके ठेकेदारो के साथ हम अपनी मांगो के पूर्ण होने तक काम नही करेंगे।
हड़ताली ठेका कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर बताया कि उन्हें न्यूनतम वेतन मजदूरी 21215 /-रु दिया जाए। उन्हे कार्य की अवधि 8 घंटे हों।साथ ही 4 सप्ताहिक अवकाश प्राप्त हो,4.8% की दर से साल में वेतन वृधि की जाए। सभी ठेका कर्मचारियों के आईडी कार्ड में पोस्ट (Designation) उल्लेखित हो। ठेका कर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा साधन दिया जाए।।
समाचार लिखे जाने तक हड़ताली कर्मचारियों से बात करने आए जिंदल के अधिकारियों से बात नही बन पाई। वही प्रबंधन ने ठेका कर्मियों के बड़े विरोध की सूचना पुलिस और प्रशासन को दे दी है।