2027 में छत्तीसगढ़ में डिजिटल जनगणना की तैयारी शुरू, 75 हजार कर्मचारी होंगे तैनात

रायपुर। प्रदेश में 16 साल बाद पहली बार डिजिटल जनगणना की तैयारी शुरू हो गई है। वर्ष 2027 में होने वाली इस जनगणना को लेकर प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। कोविड-19 महामारी के कारण 2020 की जनगणना स्थगित हो गई थी, लेकिन अब फिर से प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। इस बार गिनती डिजिटल मोड में होगी और इसमें जातिगत कॉलम शामिल किए जाने की संभावना है।

जनगणना दो चरणों में होगी पहले घरों की लिस्टिंग, फिर व्यक्तिगत गिनती। इसके लिए 70 से 75 हजार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें कलेक्टर, कमिश्नर और प्रगणक भी शामिल होंगे। प्रगणकों को लगभग 25,000 और पेपरवर्क कर्मियों को 17,000 मानदेय मिलने की संभावना है।

जनगणना में वार्ड स्तर पर गणना प्रणाली अपनाई जाएगी और राजस्व तथा पंचायत विभाग नोडल विभाग होंगे। गांवों की मास्टर डायरेक्टरी और मानचित्र तैयार किए जाएंगे।

एक्सपर्ट के अनुसार, यह जनगणना तकनीकी रूप से सबसे आधुनिक होगी, जिसमें कंप्यूटर, मोबाइल एप और संभवतः आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का भी उपयोग किया जा सकता है। इससे त्रुटियों की संभावना बहुत कम होगी और परिणाम भी जल्दी मिल सकेंगे।

इस बार 1931 के बाद पहली बार जातिगत जनगणना भी होगी, जिसे सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। इससे वंचित वर्गों के लिए योजनाएं बेहतर ढंग से बनाई जा सकेंगी और सामाजिक नीतियों को ठोस आधार मिलेगा। छत्तीसगढ़ की अनुमानित जनसंख्या वर्तमान में 3.22 करोड़ मानी जा रही है।

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