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पूर्व प्रधानमंत्री के घर में 30-40 ‘आतंकी’ छिपे होने की खबर, पुलिस ने पूरे इलाके को घेरा

लाहौर

पूर्व प्रधानमंत्री के जमान पार्क स्थित घर में 30-40 आतंकी छिपे हैं. दरअसल शहबाज शरीफ सरकार इन दिनों इमरान समर्थकों पर शिकंजा कस रही है. सरकार उन PTI समर्थकों को निशाने पर ले रही है जो 9 मई की हिंसा में शामिल थे.

पुलिस को सौंपने के लिए 24 घंटे की समय सीमा दी है.

कार्यवाहक सूचना मंत्री आमिर मीर ने लाहौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘पीटीआई को इन आतंकियों को पुलिस के हवाले कर देना चाहिए वरना कानून अपना काम करेगा.’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इन ‘आतंकवादियों’ की मौजूदगी के बारे में पता था क्योंकि उसके पास विश्वसनीय खुफिया रिपोर्टें थीं.

मीर ने कहा, ‘जो खुफिया रिपोर्ट आई है, वह बहुत ही खतरनाक है.’ उन्होंने कहा कि एजेंसियां ​​जियो-फेंसिंग के जरिए जमान पार्क में ‘आतंकवादियों’ की मौजूदगी की पुष्टि करने में सक्षम रही हैं. मीर ने कहा, पीटीआई प्रमुख एक साल से सेना को निशाना बना रहे हैं. इसके अलावा मीरे ने PTI से कड़े शब्दों में कहा है कि ‘आतंकवादियों’ को पुलिस के हवाले कर दिया जाए. 

PTI नेताओं पर कसा शिंकजा

पाकिस्तान की पंजाब सरकार की ओर से PTI के वरिष्ठ नेताओं और पंजाब के पूर्व मंत्री डॉ यास्मीन राशिद और मियां महमूदुर रशीद को 9 मई को जिन्ना हाउस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. बताते चलें कि एक पीटीआई नेता इबाद फारूक ने ही अपने वीडियो बयान में बड़ा खुलासा किया है. उनका कहना है कि पीटीआई नेता यास्मीन राशिद, मियां महमूदुर रशीद और अन्य ने लिबर्टी चौक पहुंचने के लिए कई पार्टी कार्यकर्ताओं को फोन किया. 

‘इमरान के साथियों के इशारे पर हुई 9 मई की घटना’ 

इबाद ने आरोप लगाया कि पीटीआई नेताओं ने प्रदर्शनकारियों से जिन्ना हाउस में आग लगाने को भी कहा. जिन्ना हाउस में जो कुछ भी हुआ वह सही नहीं था. इसके अलावा इबाद फारूक ने पीपी-149 (चुनावी सीट) से पीटीआई का अपना चुनावी टिकट लौटाने की भी घोषणा की है.

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