कांकेर (उत्तर बस्तर)

Kanker: वन विभाग की लापरवाही, प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा क्या सपना बनकर रह जाएगा?..सुनिए क्या कह रहे विभाग के जिम्मेदार अधिकारी

प्रसेनजीत साहा@कांकेर। (Kanker) बांदे वन परिक्षेत्र में अधिकारियों के लापरवाही के चलते सैकड़ों पौध मर गए हैं. जिनमें सागौन जैसे बेशकीमती पौधे भी शामिल है। बास प्लांटेशन के साथ ही इमारती लकड़ी सागौन के हजारों पौधों को वृक्षारोपण के लिए रखा गया था।

मगर वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सागौन के पौधों को लगाना उचित नहीं समझे। पौधों को बारिश में रखा गया। जिससे 90 प्रतिशत सागौन के पौधे सड़ गए हैं। जिसकी जानकारी वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को बिल्कुल नहीं है।

(Kanker) वन विभाग में वृक्षारोपण का काम मात्र कागजों में सिमट कर रह गया है। इस लापरवाही के बाद बड़ा सवाल उठ रहा है कि वन विभक्षाग के रेंजर और डिप्टी रेंजर वन परिक्षेत्र का दौरा करने नहीं जाते।

(Kanker) अगर ऐसा ही हाल रहा तो शासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर भी प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा एवं प्राकृतिक संतुलन एक सपना वन कर रहे जाएगा।

अधिकारी का लापरवाही वाला जवाब

इस संबंध में जब हमारे प्रतिनिधि बांदे वन विभाग के रेंजर आरसी यादव को बताया कि हमे आपके माध्यम से ही जानकारी मिली। इमारती लकड़ी सागौन के पौधों को लगाया नहीं गया है। जबकि मौके पर शुरू बारिश से ही सागौन के हजारों पौधों को प्लांटेशन में लावारिस की तरह रखा गया था। जो 90 फीसदी सड़ चुका है। अब जिम्मेदार अधिकारी मामले की जांच कर कार्यवाही की बात कर रहे हैं।

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बांस के सैकड़ो पेड़ खराब

25 हेक्टेयर जंगल मे लगभग 10 हजार म पौधे लगाया गया है मगर बांदे वन परिक्षेत्र के अधिकारियों की लापरवाही के चलते सैकड़ो बांस के पौधे भी मर गए हैं।

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