छत्तीसगढ़

43 साल बाद दो दोस्तों की भेंट मुलाकात, चार दशक बाद जनता के बीच बैठे रूपलाल साहू पर मुख्यमंत्री की नजर पड़ी, तो मंच पर बुलाया और भाव विह्ल होकर लगा लिया गले

रायपुर। शनिवार को 43 साल बाद सही मायने में दो दोस्तों की भेंट-मुलाकात हो गयी । अरसे बाद जब दो दोस्तों का मिलन हुआ तो एक दूसरे के गले लग गये । ये नजारा देख वहां मौजूद सैकड़ों लोगों ने ताली बजाकर खुशी का इजहार किया । सभी के चेहरे पर खुशी आ गयी और दोनों ने एक दूसरे को गले लगा लिया ।

दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अभनपुर विधानसभा के तामासिवनी पहुंचे थे तभी उन्हें सामने जनता के बीच बैठे अपने मित्र रूपलाल साहू दिखायी दिये । चार दशक से भी अधिक समय के बाद मुख्यमंत्री ने अपने दोस्त को पहचान लिया उऩ्होंने तत्काल उन्हें अपने पास बुलाया । करीब चार दशक बाद अपने दोस्त को सामने बैठा देख मुख्यमंत्री ने मंच में अपने पास बुलाकर गले लगा लिया और भाव विह्ल हो उठे । मुख्यमंत्री ने कहा आज 43 साल बाद मैं अपने मित्र से भेंट कर रहा हूं, जो मेरे रूम पार्टनर भी थे, आज वो गरियाबंद में प्रिंसिपल पद पर हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि तामासिवनी को बहुत समय से जान रहा हूं।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन की योजनाओं का जमीनीस्तर पर क्रियान्वयन जानने के लिए मैं यहां पर आया हूं। उन्होंने किसानों से ऋण माफी और राजीव गांधी किसान न्याय योजना में मिली किस्त के संबंध में पूछा, जिस पर सभी ने हाथ उठाकर एक स्वर में ‘हां’ जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी न्याय योजना की किस्त विशेष अवसरों पर दी जाती है, ताकि आप अपनी जरूरत के हिसाब से उसे उपयोग कर सकें। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को सबसे पहले रायपुर जिले के ग्राम डंगनिया (चम्पारण) पहुंचे। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और बड़ी संख्या में नागरिकों ने मुख्यमंत्री का पुष्प गुच्छ से स्वागत किया। चंपारण में मुख बघेल ने किया महाप्रभु वल्लभाचार्य और चम्पेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन किए। उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की और इसके पश्चात उन्होंने भूमिपूजन कर क्षेत्रवासियों को बधाई भी दी। इस अवसर पर उन्होंने वन गमन परिपथ योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड द्वारा क्रियान्वित राम वाटिका एवं अधोसंरचना विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। उन्होंने कहा कि राम वन गमन पथ को उत्कृष्ट बनाया जा रहा है। चंपारण को भी राम वन गमन पथ में जोड़ा गया है। 

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