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नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली का इस्तीफा: विरोध और दबाव के बीच लिया गया फैसला

काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश में बढ़ते विरोध और दबाव के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह फैसला दो दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन और हिंसक घटनाओं के बाद आया। राजधानी काठमांडू और देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने कई मंत्री, नेता और पूर्व प्रधानमंत्री के घरों और दफ्तरों पर हमला किया। इस हिंसा में कई लोग घायल हुए और संपत्ति को नुकसान पहुंचा।

ओली ने पहले हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा राष्ट्र के हित में नहीं है। उन्होंने सभी पक्षों के साथ शांतिपूर्ण और संवाद आधारित समाधान की कोशिश की। इसी कड़ी में उन्होंने शाम 6 बजे एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। उन्होंने देशवासियों से इस कठिन समय में शांति बनाए रखने का आग्रह किया।

देश की अस्थिरता और विरोध प्रदर्शन के चलते कई मंत्रियों और नेताओं ने इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के 21 सांसदों ने भी अपने पदों से त्यागपत्र सौंपे। प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया बैन के खिलाफ सड़कों पर विरोध जताया और कई प्रमुख नेताओं के घरों पर आग लगा दी।

भारत सरकार ने इस मामले पर विदेश मंत्रालय के माध्यम से बयान जारी करते हुए कहा कि वह नेपाल की स्थिति पर नज़र बनाए हुए है। मंत्रालय ने नेपाल में रहने वाले भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतने और स्थानीय गाइडलाइंस का पालन करने की सलाह दी। भारत ने नेपाल को करीबी मित्र और पड़ोसी बताते हुए सभी से शांतिपूर्ण समाधान अपनाने की अपील की।

इस तरह, ओली का इस्तीफा और देश में जारी हिंसा नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता को और बढ़ा रही है। सरकार और विरोध के बीच बातचीत और शांति बनाए रखना अब सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।

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