जांजगीर-चांपा

Janjgir-Champa: घर-घर जाकर बच्चों को खिलाया जा रहा कृमि की दवा, मितानिन सीता सारथी के नेतृत्व में जुटे कई स्टॉफ

लाला उपाध्याय@डभरा। (Janjgir-Champa) जिले के चन्द्रपुर विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक डभरा अंतर्गत ग्राम पंचायत किरारी में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत 23  से  30 सितम्बर तक  एल्बेंडाजोल की गोली घर-घर जाकर बच्चों को खिलाई जा रही है। जिसमें मितानिन (आशा वर्कर) सीता सारथी के साथ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका, चुरतेली उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एनएसएस के स्वयंसेवक, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के स्टॉफ सहित अन्य लोग जुटे हुए हैं। बच्चों के पेट में कीड़े के संक्रमण को रोकने के लिए प्रतिवर्ष एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाती है।

 कोरोना के चलते स्कूलों के बंद होने के कारण इस बार गांव में घर-घर जाकर बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जा रही है। इसके साथ ही मितानिन, स्वयंसेवक एवं आंगनबाडी कार्यकर्ताओं द्वारा महिलाओं को कुपोषण, खून की कमी, दस्त, किशोरी बालिकाओं में माहवारी प्रबंधन, स्वच्छता, साफ-सफाई  कोरोना वाइरस से संबंधित जानकारी के साथ-साथ पोषण सप्ताह वाटिका निर्माण, खाद्य प्रदर्शनी, पौष्टिक चीजों और मौसमी फलों एवं सब्जियों की जानकारी, कृमि नाशक दवाइयां, टीकाकरण एवं अन्य जानकारियां भी दी जा रही है I                  

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(Janjgir-Champa) इस जागरूकता कार्यक्रम का नेतृत्व कर रही मितानिन सीता सारथी कहती हैं कि विद्यार्थियों की बौध्दिक क्षमता विकास के साथ ही लगनशीलता और एकाग्रता के गुण में वृद्धि होगी । खून की कमी, विटामिन की पूर्ति होगी और पोषक तत्वों के सुपोषण का संपूर्ण रूप से शरीर को लाभ प्राप्त होगा।  यह कार्यक्रम 30 सितम्बर तक चलेगा   इस जागरूकता कार्यक्रम में सहभागी टीकाराम सारथी, प्राचार्य, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चुरतेली ने कहा कि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए स्वच्छता और पोषण के साथ कृमि मुक्ति दवा एल्बेंडाजोल की अहम भूमिका है । पेट में कई प्रकार की कृमि का होना सामान्य बात है।

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(Janjgir-Champa) बच्चों से लेकर बूढ़ों तक की आंतों में ये कृमि पायी जाती है। इन कृमियों के कारण लोग मौत का शिकार होते हैं और अन्य रोगों की गिरफ्त में आ जाते हैं। पेट के कीड़ों का मनुष्य पर आक्रमण करने का प्रमुख कारण हैं स्वच्छ पीने के पानी का अभाव, दूषित एवं अशुद्ध खाद्य पदार्थो का सेवन तथा शारीरिक स्वच्छता के प्रति उदासीनता। पेट में कीड़े होने से बुखार, शरीर का पीला पड़ जाना, पेट में दर्द, दिल में धक-धक होना, चक्कर आना, खाना अच्छा न लगना तथा यदा-कदा दस्त होना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बसंती, नीरा वैष्णव, मंजू वैष्णव, गंगा बाई सारथी सहित राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेवकों में यासिका साहू, भूमिका मधुकर, तृप्ति कठौते, पूर्णिमा खूंटे, दीपिका खूंटे, अनिता चन्द्रा, प्रभा चन्द्रा उपस्थित रहे

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