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Gariyaband: नियम-कानून को ताक पर रखकर काम कर रहा सचिव, 4 महीने पहले दिए गए आवेदन पर अब तक नहीं हुई जांच

रवि तिवारी @देवभोग। मुडागॉव में पदस्थ पंचायत सचिव बसंत कुमार सिन्हा पर ग्रामीणों ने शासकीय राशि का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए जांच के लिए मैनपुर सीईओ को आवेदन सौंपा हैं। चार महीने पहले दिए गए आवेदन पर आज तक अधिकारियों ने कार्रवाई करने के लिए किसी तरह का कोई कदम उठाना मुनासिब नहीं समझा। गॉव के ख़िरमन नेताम,निसाराम ने आवेदन में बताया हैं कि सचिव बसंत कुमार द्वारा 3 जून 2019 को पंचायत खाते से तीन लाख 85 हजार रुपये अपने नाम से आहरण किया गया हैं, वहीं आहरण किये गए राशि का रिकॉर्ड भी नहीं होने की बात ग्रामीणों ने कही हैं, इसके साथ ही उस पैसे से किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं किये जाने का आरोप भी आवेदन में लगाया गया हैं। ग्रामीणों ने सचिव पर राशि का गबन करने का आरोप लगाकर जांच की मांग भी की हैं।

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राशि आहरण के बाद भी नहीं हुआ काम

आवेदन में ग्रामीणों ने जिक्र किया हैं कि ग्राम पंचायत मुडागॉव में 1 अप्रैल 2019 को भवन निर्माण के लिए 1 लाख 50 हजार,मजदूरी राशि भुगतान के लिए 15 अप्रैल 2019 को 93 हजार 120 रुपये,सीसी रोड निर्माण के लिए 25 अप्रैल 2019 को 2 लाख,सीसी रोड निर्माण के लिए करीब चार लाख रुपये 16 जनवरी 2020 को आहरण किया गया। इसी तरह पुलिया निर्माण के लिए 5 मई 2019 को 2 लाख रुपये का आहरण पूर्व सरपंच खोलेश्वर कोमर्रा एवम सचिव बसंत कुमार सिन्हा द्वारा राशि आहरण किया गया,वहीं राशि आहरण के बाद भी मौके पर काम नहीं होने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया हैं।

अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त

यहां बताना लाजमी होगा कि सचिव बसंत कुमार सिन्हा के ऊपर जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त हैं। इस बात को प्रमाणित करती हैं कि चार माह पहले आवेदन ग्रामीणों द्वारा जनपद सीईओ को दिया जाता हैं लेकिन आज तक उस आवेदन पर कार्रवाई करना जिम्मेदारों ने उचित नहीं समझा हैं। वहीं आवेदन को जिम्मेदारों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। हालांकि अब नए सीईओ रूपकुमार ध्रुव के प्रभार लेने के बाद उन्होंने टीम गठित कर जांच करवाने की बात कही हैं, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि सीईओ के दावों में कितनी हकीकत हैं और ठंडे बस्ते में पड़े आवेदन पर कार्रवाई कब तक शुरू होगी। मामले को लेकर हमने पंचायत सचिव बशन्त कुमार सिन्हा से भी फ़ोन पर सम्पर्क कर उनका पक्ष जानना चाहा लेकिन उन्होंने फ़ोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।

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