बेमेतरा

Faith: इस वृक्ष के प्रति लोगों में अटूट आस्था, केवल परिक्रमा मात्र से दूर होते हैं सारे कष्ट्र, देखिए इससे जुड़ी और मान्यताएं

दुर्गा प्रसाद सेन@बेमेतरा. (Faith)  आस्था के गढ़ नवागढ़ जो छतीसगढ़ में एक गढ़ के रूप में नवागढ़ को माना जाता है आपको बता दूं कि बेमेतरा जिला मुख्यालय से महज 24 किलोमीटर दूर स्थित तांत्रिक विद्या से स्थापित देश का एक मात्र गणेश मंदिर जिनके ठीक सामने अति प्राचीन और दुर्लभ शमी वृक्ष हैं। इस शमी वृक्ष को लेकर मान्यताएं है कि इसके परिक्रमा मात्र से गणेश की परिक्रमा पूरी हो जाती है। मान्यता के अनुसार सुर्योदय के पूर्व दर्शन व परिक्रमा करने से कष्ट और दुख दूर होते हैं। वेद पुराणों के अनुसार शमी वृक्ष पुण्यजनो के घर अमृत आस्था में प्राप्त होता है।

 

 पुराणों में भी इसकी महत्ता का वर्णन

(Faith) पुराणों में भी इसकी महत्ता का वर्णन है।इनकी अनेकों प्राचीन गाथा है। नवागढ़ में  सिद्ध गणेश मंदिर की स्थापना गणेश चतुर्थी के ही दिन 704 ईसवी में हुई थी। आज भी भक्त अपने परिवार की मंगलकामना के लिए देशभर से भक्तों का आने का क्रम वर्षभर बना रहता है। जिसमें से प्रमुख रूप से महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, सहित विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालु आते हैं मन इच्छा पुरी पाकर जाते है।यह पूरे देश व  छत्तीसगढ़ राज्य के गौरव की बात है।

आपको बता दे कि बेमेतरा जिले के नवागढ़ ब्लाक स्थित सिद्ध गणेश मंदिर की स्थापना 1312 वर्ष पहले तांत्रिक विद्या से की गई थी। इस सिद्ध मंदिर के अग्रभाग में शमी वृक्ष देवतुल्य विराजित है।

(Faith) धर्म के मर्म को जानने वाले इसे एक दुर्लभ संयोग बताते हैं। श्रीगणेश की पूजा के बाद शमी पत्र को प्राप्त कर भक्त धन्य हो जाते हैं। सन् 704 में की राजा ने स्थापना देश में अपनी तरह का पहला मंदिर का गौरव  छत्तीसगढ़ राज्य से प्राप्त नवागढ़ के सिद्ध गणेश मंदिर का अपना अलग इतिहास है।

सन् 704 में नवागढ़ रियासत के राजा नरबर साय ने श्रीगणेश  की मूर्ति स्थापित की। मंदिर के अग्रभाग में तांत्रिक विधा से शमी वृक्ष विराजित है। मंदिर परिसर में अष्टकोणीय कुआं, विशालकाय पत्थरों के लेख, पुरातन विद्या व गौरवशाली इतिहास के साक्षी हैं। धार्मिक ग्रंथों के अग्रणी प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर ने इस सिद्ध गणेश मंदिर को देश के दुर्लभ मंदिरों में से एक बताया था।

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शमी वृक्ष का होना दुर्लभ संयोग

धर्म के मर्म को जानने वाले मानते हैं कि नवागढ़ के गणेश मंदिर के अग्रभाग में शमी वृक्ष एक दुर्लभ संयोग है। जिसका दूसरा कहीं कोई उदाहरण नहीं मिलता है। शमी वृक्ष को साक्षात शनि का अवतार माना गया है। इसके पूजन-दर्शन व स्पर्श मात्र से विशेष प्रभाव पड़ता है व विकारी तत्वों से मुक्ति मिलती है। नवागढ़ के इस चमत्कारी तीर्थ में कष्टों के निवारण व मंगलकामना के लिए देश के कोने-कोने से वर्षभर भक्तों के आने का क्रम जारी रहता है। बढ़ रहे देवगण

मंदिर के चारों ओर राज्य व देश के सिद्ध गणेश मंदिर की दुर्लभ मूर्तियों की प्रतिकृतियां स्थापित की गई हैं। जो एक ही जगह संपूर्ण तीर्थ का दर्शन कराती है। सभी ऐतिहासिक  महत्व के हैं, जैसे सिद्धी टेक, जिला नागर महाराष्ट्र, गिरिजात्मज पुणे, चिंतामणी पुणे, महागणपति, वरद विनायक, मयूरेश्वर, बल्लालेश्वर, विघ्नेश्वर में स्थापित गणेश के दर्शन नवागढ़ के इस मंदिर में किए जा सकते हैं।

 

 

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