धमतरी

Dhamtari: ना प्रोत्साहन, ना प्रमोशन…हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराने का जवानों को नहीं मिला कोई फायदा….

संदेश गुप्ता@धमतरी। (Dhamtari) जिले में माओवादियों मोर्चे पर जिस तरह से धमतरी पुलिस आक्रमक हो कर काम कर रहे हैं। उससे माओवादियों के पैर उखड़ने लगे हैं। बीते दिनों और सालों में पुलिस ने कई हार्डकोर इनामी माओवादियों को मार गिराया है और वहीं कुछ पकड़े भी गए। इसके बावजूद जवानों को जिस तरह से प्रोत्साहन मिलना चाहिए। वह नहीं मिल रहा है। (Dhamtari) इनाम की राशि तक नहीं मिली है।

(Dhamtari) जिले में पिछले 3 सालों से कई बार पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं हुई है। जिनमें माओवादियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। नक्सलियों के कई साथी जंगल में मार गिराए गए।

बता दे की 2 साल पहले वर्ष 2018 में पुलिस ने मांदागिरी, तेंदूडोंगरी के जंगल में हुई मुठभेड़ में  5 लाख रुपए के इनामी माओवादी जय सिंह को मार गिराया था।  इसके साल भर बाद कट्टीगांव के जंगल में सीतानदी दलम की कमांडर सीमा मंडावी को मार गिराया था। उस पर शासन की ओर से8 लाख रुपए का इनाम था।

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इस घटना के कुछ अंतराल बाद पुनः एसटीएफ की टीम को एक बड़ी सफलता मिली।  इस बार फोर्स में संदबहरा के जंगल में एकत्र हुए माओवादियों को गिरा कर फायरिंग शुरू कर दी। दोनों छोर से करीब 3 घंटे तक गोलियां चली। जिसमें फोर्स ने एक लाख के इनामी महिला माओवादी मंजुला, राजुला और प्रमिला तथा राजीव को मार गिराया।

वर्ष 2020 में  घोरा गांव के जंगल में डीआरजी नगरी ने घेरा कर माओवादी रवि उर्फ तनु को मार गिराया था …उस पर भी शासन ने ₹5 लाख का इनाम रखा था। लेकिन इनमें से एक दो मामले में ही मुठभेड़ में शामिल पुलिस अधिकारी जवानों को आउट आफ टर्न प्रमोशन मिल सका। जबकि अन्य मामले में जवानों को प्रमोशन का लाभ नहीं मिल सका… और ना ही उन पर शासन द्वारा घोषित इनाम की राशि मिली।

बताया गया कि जिन माओवादी पर जितनी राशि इनाम घोषित था वह राशि उन जवानों को मिलना था। ऐसे में समय पर आउट आफ टर्न प्रमोशन और उचित प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने से जवानों के हौसले पर असर पड़ रहा है।

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