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शहर में जानलेवा स्थिति में पहुंचा डेंगू, तीन युवाओं की मौत के बाद युद्धस्तर की तैयारी में भिड़ा प्रशासन

नितिन@रायगढ़।शहर में शुरू के दिनों में डेंगू को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। जिसका दुष्परिणाम यह हुआ कि पूरे शहर में डेंगू तेजी से फैलने लगा। जल्दी ही हालात इतने बदतर हो गए कि एक के बाद एक मौतें होने लगीं।

तीन होनहार युवाओं की मौत और 400 से अधिक संक्रमितों की बात सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन हरकत में आ गया। 

इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों के सैंपल लेने शुरू किए तो संक्रमितों के जो आंकड़े सामने आए वो डरा देने वाले मिले। यहां पॉजिटिविटी रेट करीब 80 प्रतिशत मिला। इसमें भी तीन चौथाई से ज्यादा केस रायगढ़ शहर के ही हैं। 

शहर के 16 वार्डों में ही करीब ढाई सौ मरीज हो गए हैं। डेंगू को लेकर न तो नगर निगम अलर्ट था और न ही स्वास्थ्य विभाग। किसी ने समय रहते कोशिशें नहीं कीं। गंभीरता नहीं दिखाने का नतीजा यही है कि अब शहर में ही 400 मरीज डेंगू पॉजिटिव पाए गए हैं। इसी क्रम में बुधवार को शहर के युवा सूरज बेरीवाल की असामयिक मौत हो गई।  शनिवार को सूरज की तबीयत इसके बाद सोमवार को उसे डॉ प्लेटलेट काउंट करीब 20 हजार पहुंचने के बाद उसे जिंदल अस्पताल रिफर किया गया। वहां से फिर एम एम आई रायपुर ले जाया गया। जहां बुधवार को उसकी मौत हो गई। ठीक इसी तरह एक सप्ताह भर पहले चाईल्ड लाइन के कोऑर्डिनेटर दीपक डनसेना की मौत भी डेंगू से हो चुकी है। अशर्फी देवी अस्पताल के रामनारायण पटेल की भी डेंगू से मौत की खबर सामने आई थी। जिसके बाद शहर वासी प्रशासन के खिलाफ उग्र हो उठे।

वही महीनों से शहर के सफाई कर्मियों की हड़ताल ने माहौल और बिगाड़ दिया। जगह_जगह फैली गंदगी और बारिश के जमा पानी ने डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ा दी।

छह वार्डों में हालात सबसे खराब हो गए। 16 सितंबर तक की स्थिति में वार्ड 12 में 39, वार्ड 13 में 38, वार्ड 14 में 15, वार्ड 6 में 21, वार्ड 17 में 20 और वार्ड 18 में 11 डेंगू मरीज पाए गए । अभी भी सबसे ज्यादा मरीज इन्हीं वार्डों में सामने आ रहे हैं। वार्ड 12 रामगुड़ी पारा जयंत ठेठवार, वार्ड 13 गांजा चौक लक्ष्मीनारायण साहू, वार्ड 14 गौशालापारा अनुपमा शाखा यादव, वार्ड 6 ढिमरापुर संजय देवांगन, वार्ड 17 बीड़पारा सदर हटरी सलीम .नियारिया और वार्ड 18 दरोगापारा गांधी गंज पूनम दिबेश सोलंकी का क्षेत्र है। इसके अलावा वार्ड 7, 10, 16, 20, 32, 35, 36, 38, 45 और 48 में डेंगू के मरीज पाएं गए।

जिसके बाद कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा की फटकार के बाद प्रशासन जागा और युद्ध स्तर की तैयारियों में जुट गया। इधर शहर के बिगड़ते हालात को देखकर सफाई कर्मियों ने भी अपनी हड़ताल वापस ले ली। फिर एक के बाद एक कई वार्डों में फागिंग और साफ सफाई शुरू हो गई।

इस क्रम में निगम आयुक्त सुनील कुमार चंद्रवंशी की अध्यक्षता में निगम सभाकक्ष में आवश्यक बैठक आहूत की गई। यहां बैठक में निगम अधिकारियों के अलावा वार्ड पार्षदों ने भी भाग लिया। बैठक में यह तय किया गया कि आगामी दिनों में किस तरह डेंगू मामलों पर नियंत्रण किया जा जाएगा।

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