थाना प्रभारी को पीटने वाले आरक्षक को एसपी ने किसा संस्पेड, इधर जांजगीर पुलिस ने बताया बहादुर….की इनाम की घोषणा

जीवन पटेल@जांजगीर चांपा। मुलमुला थाना में पदस्थ आरक्षक रामचरण सिंह को एसपी पारुल माथुर ने सस्पेंड कर दिया है। आरक्षक पर थाना प्रभारी उमेश साहू से मारपीट का आरोप है। बताया जा रहा है कि आरक्षक राम चरण सिंह ने थाना प्रभारी से 2 घंटे की छुट्टी मांगी थी। जो उन्हें नहीं मिली। थाना प्रभारी का इंकार आरक्षक को नागवार गुजरा, और थाना प्रभारी से मारपीट शुरू कर दी। मगर क्या आरक्षक का इस तरह से थाना प्रभारी से मारपीट करना उचित था या फिर उसे छुट्टी ना देना उचित हैं? जिस पुलिस डिपार्टेमेंट में अनुशासन को सर्वोपरि माना जाता है । और इसी पुलिस के भरोसे राज्य में लॉ एंड ऑर्डर क़ायम है ।
लेकिन इस तरह के व्यवहार से आज पुलिस डिपार्टमेंट सवालों के घेरे में आ चुका है। यहीं नहीं अब सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जमकर वायरल हो रहा है। जिसे जांजगीर पुलिस परिवार के नाम से वायरल किया जा रहा है।जिसमें आरक्षक को बहादुर बताया जा रहा है। वायरल पोस्ट में लिखा गया है कि जांजगीर जिले के दबंग आरक्षक भाई रामचरण ठाकुर को पुलिस परिवार जांजगीर के तरफ से नगद 1000 रुपए का ईनाम दिया जा जायेगा? इन्होंने पुलिस अधिकारियों से प्रताड़ित होकर न ही आत्महत्या किया और ना ही परेशान हुआ, बल्कि टीआई को घसीट-घसीट कर पिटाई की है, जांजगीर पुलिस परिवार ऐसे दबंग आरक्षक का स्वागत करती है?….
मगर यहाँ एक बड़ा सवाल ये भी है कि गृहमंत्री इस तरह की अनुशासनहीनता पर आगे किस तरह की कार्रवाई करेंगे ?..शायद अब पुलिस विभाग भी गृहमंत्री के भोलेपन का फायदा उठाने लगी है? ऐसे में अनुशासन वाला पुलिस विभाग के आगे अनुशासनहीनता का टैग लगने में देर नहीं लगेगी ? इसलिए गृहमंत्रालय को जल्द से जल्द ऐसे उचित कदम उठाने चाहिए ताकि आगे इस तरह की अनुशासनहीनता देखने को ना मिले । साथ ही कर्मचारियों के लिए ऐसे कार्यक्रम भी चलाने चाहिए जिससे उनके भीतर के अवसाद को दूर किया जा सके ।