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National: देश का सबसे बड़ा बैंक घोटाला, 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी, CBI ने इन पर दर्ज किया केस

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो 34,614 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में डीएचएफएल, उसके प्रमोटरों कपिल वधावन, धीरज वधावन, व्यवसायी सुधाकर शेट्टी और अन्य से जुड़े 12 स्थानों पर महाराष्ट्र में तलाशी ले रहा है। यह देश का सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी है, जिसमें शामिल राशि नीरव मोदी मामले की लगभग तिगुनी है।

प्राथमिकी के अनुसार दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल), उसके तत्कालीन मुख्य प्रबंध निदेशक कपिल वधावन, तत्कालीन निदेशक धीरज वधावन, व्यवसायी सुधाकर शेट्टी और अन्य आरोपियों ने यूनियन बैंक के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के संघ को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश रची।

आपराधिक साजिश के अनुसरण में, आरोपी कपिल वधावन और अन्य ने कंसोर्टियम बैंकों को 42,871 करोड़ रुपये के बड़े ऋणों को मंजूरी देने के लिए प्रेरित किया और डीएचएफएल की पुस्तकों में धोखाधड़ी करके धन के एक महत्वपूर्ण हिस्से का गबन और दुरुपयोग किया और बेईमानी से चुकौती में चूक की। कंसोर्टियम बैंकों का वैध बकाया और जिससे कंसोर्टियम लेंडर्स को 34,615 करोड़ रुपये का गलत नुकसान हुआ।

सीबीआई ने डीएचएफएल, कपिल वधावन, धीरज वधावन, स्काईलार्क बिल्डकॉन प्रा. लिमिटेड, दर्शन डेवलपर्स प्रा। लिमिटेड, सिगटिया कंस्ट्रक्शन बिल्डर्स प्रा। लिमिटेड, टाउनशिप डेवलपर्स प्रा। लिमिटेड, शिशिर रियलिटी प्रा. लिमिटेड, सनब्लिंक रियल एस्टेट प्रा। लिमिटेड, सुधाकर शेट्टी और अन्य को मामले में आरोपी बनाया गया है। सभी आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। बैंकों ने 2010 से आरोपी फर्मों को ऋण देना शुरू कर दिया था। 34,615 करोड़ रुपये से अधिक के ऋणों को 2019 में गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) घोषित किया गया था।

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