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सुकमा

Sukama: पूर्व विधायक सीपीआई नेता सहित जांच दल पहुंचा सिलगेर, 22 गांवों के 10 हजार से अधिक ग्रामीण जुटे

सुकमा। (Sukama) पूर्व विधायक सीपीआई नेता मनीष कुंजाम सहित जांच दल आज दोपहर एक बजे सिलगेर पंहुचा। सिलगेर में 22 गांवों के 10 हजार से भी ज्यादा ग्रामीण जमा थे।

 जिन्होंने सीपीआई नेता को बताया कि उनकी ओर से 12 मई को कैम्प के विरोध में शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया जा रहा था। उसी समय जवानों ने मारपीट की एंव गोलियां बरसाई। जिसमे तीन ग्रामीणों की मौत हो गई।

वही कई ग्रामीण घायल हो गए। लेकिन फिर भी हमने हार नही मानी और हमारे क्षेत्र में खुल रहे कैंप का विरोध जारी है। जब तक यंहा से पुलिस कैम्प नही हटेगा, विरोध जारी रहेगा।

इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि हम सड़क का विरोध नहीं कर रहे हैं। सरकार चाहे तो सड़क बनाये साथ ही क्षेत्र में स्कूल – अस्पताल – सोसायटी सहित मूलभूत सुविधाएं हमे उपलब्ध कराए। लेकिन पुलिस कैम्प न खोले। पुलिस कैम्प खोलने से हमारी आजादी छीन जायेगी।

जवान बेवजह हमे नक्सली बता कर फर्जी मुठभेड़ करेगी – जबरन जैल भेजेगी। हमारे घरों में तोड़फोड़ करने सहित हमारे बकरों – मुर्गों को लूटेगी और आंतक मचाएंगी और हम जल – जंगल – जमीन से बेदखल नजर आयेंगे। हम आदिवासी है, जंगल मे महुआ बीनने , तेंदूपत्ता तोड़ने , सहित पारम्परिक वेशभूषा में शिकार करने जाते है। तो पंडुम मनाते है।

इस दौरान हमेशा जवानों से नक्सली बताकर मुठभेड़ करने एंव जेल भेजने का खतरा बना रहेगा। ग्रामीणों ने बताया कि अभी कैम्प का शांतिपूर्ण विरोध के दौरान भी हम पर आत्मसमर्पित नक्सली हरिराम , मडकम देवा सहित अन्य डीआरजी के जवानों ने गोलियां एंव लाठियां बरसाई जिससे तीन की मौत हुई।

वही कई महिला – पुरुष सहित बच्चे घायल हो गए। सिलगेर से घटना की जानकारी लेने के बाद सीपीआई नेता मनीष कुंजाम ने कहा कि आदिवासीयो पर अत्याचार कतई बर्दास्त नही करेंगे , केंद्र की भाजपा सरकार के इशारे पर राज्य की कांग्रेस सरकार आदिवासियों पर जुल्म ढा रही है और आदिवासियों के जल – जंगल – जमीन के अस्तित्व को खतरे में डाल रही है

पूरे मामले की न्यायिक जांच के साथ ही दोषी जवानों पर कार्यवाही होनी चाहिये* एंकर:-पूर्व विधायक cpi नेता मनीष कुंजाम सहित जांच दल आज दोपहर एक बजे सिलगेर पंहुचा।सिलगेर में 22 गांवों के दस हजार से भी ज्यादा ग्रामीण जमा थे जिन्होंने सीपीआई नेता को बताया कि उनके द्वारा 12 मई को कैम्प के विरोध में शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया जा रहा था उसी समय जवानों ने मारपीट की एंव गोलियां बरसाई जिसमे तीन ग्रामीणों की मौत हो गई वंही कई ग्रामीण घायल हो गए।लेकिन फिर भी हमने हार नही मानी और हमारे क्षेत्र में खुल रहे कैम्प का विरोध जारी है जब तक यंहा से पुलिस कैम्प नही हटेगा विरोध जारी रहेगा।इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि हम सड़क का विरोध नही कर रहे है सरकार चाहे तो सड़क बनाये साथ ही क्षेत्र में स्कूल – अस्पताल – सोसायटी सहित मूलभूत सुविधाएं हमे उपलब्ध कराए लेकिन पुलिस कैम्प न खोले।पुलिस केम्प खोलने से हमारी आजादी छीन जायेगी , जवान बेवजह हमे नक्सली बता कर फर्जी मुठभेड़ करेगी – जबरन जैल भेजेगी , हमारे घरों में तोड़फोड़ करने सहित हमारे बकरों – मुर्गों को लूटेगी और आंतक मचाएंगी और हम जल – जंगल – जमीन से बेदखल नजर आयेंगे।हम आदिवासी है जंगल मे महुआ बीनने , तेंदूपत्ता तोड़ने , सहित पारम्परिक वेशभूषा में शिकार करने जाते है तो पंडुम मनाते है इस दौरान हमेशा जवानों से नक्सली बताकर मुठभेड़ करने एंव जेल भेजने का खतरा बना रहेगा।ग्रामीणों ने बताया कि अभी कैम्प का शांतिपूर्ण विरोध के दौरान भी हम पर आत्मसमर्पित नक्सली हरिराम , मडकम देवा सहित अन्य डीआरजी के जवानों ने गोलियां एंव लाठियां बरसाई जिससे तीन की मौत हुई वंही कई महिला – पुरुष सहित बच्चे घायल हो गए।सिलगेर से घटना की जानकारी लेने के बाद सीपीआई नेता मनीष कुंजाम ने कहा कि आदिवासीयो पर अत्याचार कतई बर्दास्त नही करेंगे , केंद्र की भाजपा सरकार के इशारे पर राज्य की कांग्रेस सरकार आदिवासियों पर जुल्म ढा रही है और आदिवासियों के जल – जंगल – जमीन के अस्तित्व को खतरे में डाल रही है

पूरे मामले की न्यायिक जांच के साथ ही दोषी जवानों पर कार्यवाही होनी चाहिये*

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