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कौन है ओपी चौधरी? जो बने विष्णु के कैबिनेट में मंत्री

रायपुर। कहते हैं न जहां चहां वहां राह..ये कहावत विधायक और मंत्री ओपी चौधरी पर पूरी तरह से सूट करता है। विष्णु के एक और रत्न में ओपी चौधरी भी शामिल है। जिन्होंने आज मंत्रीपद की शपथ ली। पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी की अमित शाह से बेहद करीबी हैं। इसी कारण पूर्व आईएएस को सियासत में उतारा गया है। । उन्होंने कांग्रेस के सेटिंग एमएलए प्रकाश नायक को 64 हजार 443 वोटों से हराया है। इतना ही नहीं पूरे प्रदेश में भी दूसरे नंबर की लीड लेकर चुनाव जीतने वाले विधायक बने हैं।

22 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बनने से लेकर मंत्री तक का सफर उनका आसान नहीं रहा। महज दूसरी कक्षा में थे, तभी ओपी चौधरी के सिर से बाप का साया उठ गया। उनकी स्कूली शिक्षा उनके पैतृक गांव में पूरी हुई। इसके बाद भिलाई से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए. चौधरी ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी क्लियर किया और रायपुर के कलेक्टर भी रहे. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में वह भाजपा प्रत्याशी के रूप में रायगढ़ जिले के खरसिया से कांग्रेस विधायक उमेश पटेल के खिलाफ चुनाव लड़े, उस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

ओपी चौधरी ने अपने इस्तीफे का ऐलान सोशल मीडिया पर करते हुए लिखा था…जो काफी भावुक करने वाला था….उन्हें पता था जिस रास्ते में उन्होंने चलने की सोची है, वह आसान नहीं, पर उन्होंने फिर से उस कठिन राह को चुना..और आईएएस की कुर्सी को छोड़कर राजनीति के सफर में आगे बढ़े..

बायंग गांव की गलियों से निकलकर रायपुर के कलेक्टर बनने तक के मेरे 13 साल के सफर में जिंदगी ने मुझे अनेकों चुनौतीपूर्ण अवसर दिए. इस सफर में हजारों लोगों ने प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से मेरा साथ दिया, उन्हें शुक्रिया अदा करने के लिए हिन्दी शब्दावली का कोई भी शब्द कम पड़ेगा. मैं अब अपनी माटी और अपने लोगों की बेहतरी के लिए अपना पूरा समय देना चाहता हूं. इसलिए मैंने IAS से इस्तीफा दे दिया है. जय-हिंद, जय-छत्तीसगढ़…

मोदी भी करते है पसंद, शाह ने बड़ा पद देने का किया था वादा

भले ही ओपी चौधरी अपना पहला चुनाव हार गए हो लेकिन इसके बाद भी वह शांत नहीं बैठे। हारने के बाद वे बीजेपी की एक्टिव राजनीति का हिस्सा बने। पार्टी ने भी उनपर ध्यान दिया और बीजेपी का पदाधिकारी बना दिया। इसी दौरान उनकी आलाकमान से गहराइयां बढ़ती गई। प्रदेश में होने वाले पार्टी के बड़े कार्यक्रमों के दौरान ओपी अमित शाह के नजर आते थे। इसी तरह मनमोहन से अवार्ड पाने वाले ओपी को मोदी भी पसंद करने लगे। अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनते ही मंत्री बना दिया गया है।

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