छत्तीसगढ़मुंगेली

फर्जी वन अधिकार पट्टा को लेकर ग्रामीणों का हल्लाबोल, 10 बिंदुओं पर कलेक्टर को सौंपा शिकायतों का पुलिंदा, पूछा – कहाँ है जंगल के रखवाले? कार्रवाई नहीं होने पर जल सत्याग्रह की चेतावनी 

गुड्डू यादव@मुंगेली।  वन अधिकार पट्टे को फर्जी बताकर स्थानीय ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने आज कलेक्टर से मिलकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। पॉइंट टू पॉइंट 10 बिंदुओं पर शिक़ायतकर्ताओं ने युवा कांग्रेस के पदाधिकारी अजय साहू के नेतृत्व में इस संबंध में कलेक्टर को शिकायतों का पुलिंदा सौंपते हुए बड़े पैमाने पर पूर्व में बांटे गए वन अधिकार पट्टे को फर्जी बताया है। शिकायत में कहा गया है कि फर्जी तरीके से जारी वन अधिकार पट्टे को निरस्त कर पट्टा बनाने की प्रक्रिया में दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी के खिलाफ उचित कार्रवाई  की जाये। शिकायत पत्र में प्रमुखता से कहा गया है कि ग्राम खुड़िया के वन परिक्षेत्र खुडिया में 2017 से अभी तक हरे भरे जंगल को वन अधिकार पट्टा जारी कर दिया गया है। वही  युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने इस मामले में 10 दिवस के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों को न्याय दिलाने खुड़िया जलाशय में जल सत्याग्रह आंदोलन करने की बात कही है।

शिकायत के प्रमुख बिंदु ये है..

1. जिस जमीन पर कुछ वर्ष पहले सागौन प्लांटेशन विभाग के द्वारा ही कराया गया है उक्त चचेड़ी बीट के भूमि 492 नंबर कम्पार्टमेंट में पर किस आधार पर ग्रामीणों को पट्टा वितरण कर दिया गया है। इस पूरे मामले में वनरक्षक सचिन राजपूत खुड़िया के रेंजर लक्ष्मण पात्रे, एस.डी.ओ. मानवेन्द्र मारकण्डे के अलावा वन विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों की मिलीभगत से जंगल की जमीन को पट्टा जारी किया गया है जहां पर जिस वन भूमि का पट्टा जारी किया गया है उक्त भूमि पर आज भी बड़े-बड़े पुराने पेड स्थित है जिसे ग्रामीणों के द्वारा खुलेआम वन विभाग अधिकारी, कर्मचारी के सह पर चचेड़ी बीट  के जंगल को काटा जा रहा है। चचेडी बीट के 492 नंबर कम्पार्टमेंट के जंगल पर खुलेआम अतिक्रमण जारी है।

2.  महाजन निषाद और उनकी पत्नी प्रेमी निषाद, रामबाबू निषाद और पत्नी वर्षा निषाद, अरूण कुमार निषाद और उनकी पत्नी अंजूला निषाद का झलरी में 5 एकड़ राजस्व रिकार्ड में जमीन है जिनको खुडिया वन परिक्षेत्र के घने जंगल में पट्टा जारी हुआ है। पट्टा वितरित के लिए पात्र गैर आदिवासी हितग्राहियों को उक्त जमीन पर 75 वर्ष पहले काबिज होना चाहिये ।

3. ग्राम पंचायत खुडिया के ग्राम सभा में बैठक की ग्राम पंचायत  सचिव द्वारा फर्जी तरीके से बिना किसी को सूचना दिये बिना फोरम पूर्ति के बिना किसी पंच/ग्रामवासी सूचना दिये बिना फर्जी प्रस्ताव तैयार कर ग्राम पंचायत में चहेते लोगों को पात्र कर दिया गया है तथा अपनी पत्नी के नाम आवेदन दिया गया है जो अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में लंबित है

4. ग्राम पंचायत खुडिया के अन्य पिछड़ा वर्ग के परिवार महाजन निषाद के परिवार के 7 सदस्यों लगभग 35 एकड़ का वन अधिकार पट्टा जारी कर दिया गया है और उनके परिवार में अभी शादी होकर आई 2-3 साल ही हुये हैं उनके नाम से भी फर्जी वन अधिकार पत्र जारी कर दिया गया है। जो ये दर्शाता है कि पटवारी वन परिक्षेत्र के अधिकारियों द्वारा मिलीभगत करके बनवाया गया है। इनका ग्राम चचेड़ी में  पहले से ही राजस्व विभाग में जमीन है।

5.  ग्राम खुड़िया के पंच बैजनाथ राजपूत जो इनकम टैक्स पेयर है इनके नाम पुत्र सुरेन्द्र राजपूत जो वर्तमान में ग्राम सारधा के पंच है और ये दो ग्राम में मतदाता है इनके नाम से वन अधिकार पत्र जारी कर दिया गया है।

6. भागवत साकत के घर में भी 3-4 वन अधिकार पत्र जारी किया गया है।

  7.  विरेन्द्र निषाद जो ग्राम खुडिया में अधिकतम 15 वर्ष से निवासरत है तो फिर कहां से 80 वर्ष तक का कब्जा हो गया है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो अधिकारियों से मिली भगत करके वन अधिकार पत्र जारी करवाये हैं।

8. वन परिक्षेत्र खुडिया में अधिकारियों द्वारा घने वन को बिना किसी नियम कानून के जारी किया जा रहा है। कई को तो पट्टा जारी हो गया है पर उनको स्वयं पता नहीं है कि उनकी जमीन है । सवाल है क्या यहाँ के अधिकारी या तो पूरा जंगल खत्म कराना चाहते हैं या  जारी समस्त वन अधिकार पत्र को निरस्त करते हुए जांचकर संबंधित अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही करने की कृपा करें।

9.  सरपंच ललित साहू के बनाया फर्जी प्रस्ताव वर्तमान सरपंच के 75 वर्ष की पुष्टि कर रहा था। पूर्व सरपंच महावीर सिंह जो खुद करीब 43 वर्ष का है सरपंच ललित साहू और बिजराकछार के आंगनबाडी कार्यकर्ता कृष्णा बाई राजपूत का भी फर्जी प्रस्ताव के आधार पर पट्टा जारी हुआ है।

10. ग्राम पंचायत खुडिया के सचिव तातूराम कौशिक ने घर बैठे फर्जी प्रस्ताव दे दिया और वन विभाग के अधिकारियों ने बंद कमरे में बैठकर मौका जांच स्थल किये बिना ही सत्यापन कर दिया।

जंगल के हत्यारों पर कौन मेहरबान…!

ग्रामीणों का आरोप है कि गैर आदिवासी एक परिवार के लोगों को 35 एकड़ का फर्जी पट्टा जारी किया गया है। लेकिन उन्होंने कब्जा लगभग 70 एकड़ पर किया है सांथ ही वन प्रकरण दर्ज किए बिना ही कैसे पट्टा जारी हो गया।यह सवाल उठ रहे है।

शिक़ायत कर्ताओ ने कहा खुड़िया क्षेत्र में जंगल की सुरक्षा भगवान भरोसे…!

कलेक्ट्रेट पहुँचे ग्रामीणों ने मीडिया से बातचीत में यह भी आरोप लगाया कि खुड़िया वन परिक्षेत्र कार्यालय से कुछ दूरी पर स्थित जंगल मे ग्रामीणों के द्वारा फर्जी पट्टे के आधार पर सैकड़ो की संख्या में सागौन पेड़ की बेतरतीब कटाई कर दी गई है. जिस पर अंकुश लगाने में विभाग नाकामयाब नजर आ रहा  है तो वहीं ग्रामीणों के हौसले इतने बुलंद है कि सागौन के अलावा वन भूमि पर स्थित तमाम हरे भरे पेड़ों पर खुलेआम कुल्हाड़ी चलाई जा रही है इस दौरान ग्रामीणों के द्वारा जंगल की जमीन पर मेड़-बंधान यानी खेत बनाने का कार्य किया जा रहा है 

जिस पर जिम्मेदार  मूकदर्शक बने हुए हैं। 

जांच के बाद होगी कार्रवाई-कलेक्टर

इधर इस पूरे प्रकरण पर ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए कलेक्टर राहुल देव ने जांच उपरांत  नियमानुसार कार्रवाई की बात कही है कलेक्टर ने ये भी कहा है कि शासन की मंशा अनुसार पात्र लोगो को वन अधिकार का पट्टा वितरण बड़े पैमाने पर किया गया है ये कार्य आगे भी जारी रहेगा परन्तु यदि इस पर किसी तरह की अनियमितता की बात आ रही है तो कार्रवाई भी होगी।

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