Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
देश - विदेश

Japan में धूम मचा रहा छत्तीसगढ़िया हर्बल चाय, दोगुना बढ़ी डिमांड

दुर्गा प्रसाद सेन@बेमेतरा। छत्तीसगढ़ में सड़क किनारे उगे खरपतवार सेना अलाटा अब जापानियों की चाय की कप का भी हिस्सा बन गया है। दरअसल, छत्तीसगढ़ की चाय निर्यात क्षमता को बढ़ावा देने के लिए ‘हर्बल टी’ का छठवां खेप जापान के लिए जल्द ही रवाना किया गया. हर्बल टी का निर्यात उत्तराखंड के प्रमुख टी एक्सपोर्टर के सहयोग से किया जा रहा है. किशोर कुमार राजपूत का कहना है कि इन ‘हर्बल टी’ के निर्यात में वृद्धि होने के साथ ही छत्तीसगढ़ के जंगली और मैदानी वाले इलाकों के किसान और मजदूर परिवारों की आय में इजाफा होगा.

जिला बेमेतरा के नगर पंचायत नवागढ़ के युवा किसान किशोर कुमार राजपूत के अनुसार, हर्बल टी की इस खेप को गुजरात के मुद्रा पोर्ट से जापान के लिए रवाना किया जाएगा. बता दें, किशोर राजपूत अलग-अलग स्टेक होल्डर्स के साथ मिलकर पारंपरिक फसलों की गौ आधारित प्राकृतिक खेती, देशी बीज संरक्षण संवर्धन और औषधीय पौधों की खेती में नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।

एंटी बैक्टिरियल है सेना अलाटा

एंटी बैक्टिरियल गुणों से भरपूर ‘ सेना अलाटा’ छत्तीसगढ़ की जंगलों और मैदानी इलाकों में किसी भी रासायनिक खाद के बिना प्राकृतिक रूप से उगता है. सेना अलाटा की इस किस्म को ‘ छत्तीसगढ़ में पीला सोना’ कहा जाता है.यह मैक्सिको मूल का एक औषधीय पौधा है.

सेना अलाटा में क्राइसोफेनिक एसिड नामक पदार्थ होता है, जिसके कारण यह पीले रंग का होता है. कुछ देशों में हुए अनुसंधान में बताया गया है कि सेना अलाटा पेट की खराबी को दूर करने और लिवर को स्‍वस्‍थ रखने में मदद कर सकता है.

सेना अलाटा एंटी फंगल गुणों से भरपूर होता है.इसे एंथोक्विनोंन भी कहते है.यह पीले रंग के फलों और सब्जियों में भी पाए जाते हैं.

सेना अलाटा शरीर में होने वाली त्वचा रोग, दाद,एक्जिमा, घाव व ट्यूमर के खतरे को कम करने में सहायक होते हैं. इसके अलावा, मूत्र विकार,डायरिया,गैस्ट्रोइंटाइटीस,ब्रोकाइटिस,मासिक धर्म से जुड़ी बीमारियों में विशेष लाभकारी है।

करोना महामारी में भी हुआ निर्यात,मांग हुआ दोगुना

भारत से हर्बल रा मटेरियल का निर्यात कोरोना महामारी के दौर में भी बढ़ा है. किशोर राजपूत का कहना है कि जब दुनिया भर में कोविड-19 महामारी ने कई वस्तुओं की सप्लाई को रोक दिया था,उस समय भी भारत से हर्बल रा मटेरियल के निर्यात में तेजी आई । वर्तमान मई महीने में 25 टन 43 रुपए किलो की दर से निर्यात होगा।

Related Articles

Back to top button