Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
देश - विदेश

बांकेबिहारी के दर्शन को आई दो महिला श्रद्धालुओं की मौत

मथुरा। वर्ष के अंतिम सप्ताह में देश के विभिन्न प्रांतों से ठाकुर बांके बिहारी के दर्शनों के साथ नववर्ष की कामना लेकर आने वाले भक्तों का चौतरफा सैलाब उमड़ रहा है। इसके चलते रविवार को सीतापुर की एक वृद्धा भीड़ के दबाव में आकर अचेत होने पर मौत हो गई। वहीं जबलपुर से दर्शन कर लौटती महिला भी हादसे का शिकार हो गई। विद्यापीठ चौराहा क्षेत्र में एक बाद दूसरी घटना से अफरा-तफरी मच गई। जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी और एसएसपी मौके पर पहुंच गए और भीड़ को व्यवस्थित करने के अधिनस्थों को निर्देश दिए।

गौरतलब हो कि बैकुंठ एकादशी से ब्रज के मंदिरों में लगातार भीड़ का दबाव बढ़ रहा है। कोरोना के नए स्वरूप को लेकर वृद्ध और बीमार लोगों को बांकेबिहारी मंदिर न लाने की अपील भी की गई है लेकिन इसके बाद भी बड़ी संख्या लोग बांकेबिहारी के दर्शनों को पहुंच रहे हैं। रविवार साढ़े दस बजे विद्यापीठ चौराहे से जयपुरिया भवन के बीच भीड़ का दबाव इतना अधिक था कि इसमें भीड़ का दबाव इतना अधिक था कि सीतापुर की रहने वाली वीना गुप्ता (70) पत्नी ओम प्रकाश भीड़ के दबाव में फंसकर अचेत हो गई। इसकी जानकारी लगते ही उसके पति ओम प्रकाश द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ उपचार के लिए उसे जिला संयुक्त अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बांकेबिहारी मंदिर से लगभग 400 मीटर की दूरी पर हुई इस घटना से पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया।

दूसरी घटना दोपहर लगभग डेढ़ बजे विद्यापीठ चौराहा क्षेत्र में उस समय हुई जब बांकेबिहारी मंदिर के राजभोग दर्शन कर मंजू मिश्रा (58) पत्नी भोला मिश्रा निवासी जबलपुर लौट रही थीं तभी चौराहे के पास लगी नगर निगम की हाईमास्क लाइट उसके सिर पर आ गिरी जिससे वह घायल हो गई। आनन-फानन में उसे उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। मंदिर की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर भीड़ का दबाव बढ़ता जा रहा है। पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी इस पर नियंत्रण कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। बांकेबिहारी मंदिर में दर्शनों के लिए आने लोगों के भीड़ में फंसने की यह पहली घटना नहीं है। आए दिन इस तरह की घटनाएं घटित हो रही है, जिससे भक्तों में भी भय है लेकिन आध्यात्मिक उमंग के लचते वह स्वयं को यहां आने से रोक नहीं पा रहे हैं।

Related Articles

Back to top button