देश - विदेश

बोको हरम का कोहराम. 40 लोगों को मौत की नींद सुलाया, जानिए क्या है मकसद

नई दिल्ली। आतंकी समूह बोको हरम ने भी खौफ फैलाना शुरू कर दिया है. उत्तर-पूर्वी नाइजीरिया में इस आतंकी समूह ने 40 लोगों की हत्या कर दी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 20 लोगों को खत्म करने के लिए बारूदी सुरंग का इस्तेमाल किया. वहीं, अन्य लोगों को गोली मारकर निशाना बनाया. नाइजीरिया में बोको हरम से जुड़ा यह कोई पहला हमला नहीं है, इससे पहले भी वो वहां के लोगों को अपना निशाना बनाते आए हैं.

बोको हरम कभी अचानक 300 स्कूलों बच्चो का अपहरण कर लेता है तो कभी सरेआम किसी को भी पकड़कर सिर धड़ से अलग कर देता है. अब एक बार फिर यह खूंखार आतंकी संगठन चर्चा में है. जानिए कब और कैसे बना यह संगठन और क्या है इसका मकसद.

कैसे हुई शुरुआत?

बोको हरम की शुरुआत साल 2002 में मौलवी मोहम्मद युसुफ ने की. 2009 में इसकी कमान अबुबकर शेकाऊ को मिली और आतंकी घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया. साल 2016 में इस संगठन ने इस्लामिक स्टेट से हाथ मिला लिया और आतंक का दायरा बढ़ाया. बोको हरम अब तक हजारों लोगों की नृशंस हत्या कर चुका है.

क्या है मकसद?

वर्तमान में बोको हरम नाइजीरिया के अलावा नाइजर, चाड और उत्तरी कैमरून में भी सक्रिय है. बोको हरम हमेशा से ही दुनिया में शरिया कानून लागू करने की बात कह चुका है. नाइजीरिया में इसकी शुरुआत ही शरिया कानून को लागू करने वाली सरकार बनाने के उद्देश्य से की गई थी. नाइजीरिया में बोको हरम का खौफ कुछ ऐसा है कि यहां लोग इसके बारे में गवाही देने से भी डरते हैं.

बोको हरम ने न सिर्फ यहां के लोगों को को अपना निशाना बनाया बल्कि सुरक्षाबलों पर भी जानलेवा हमला किया. लोगों का अपहरण किया, सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया और बच्चों को भी नहीं छोड़ा. इस संगठन के संस्थापक मौलवी मोहम्मद युसुफ ने जो मस्जिद का निर्माण कराया वो जिहादी भर्ती का केंद्र बन गया है. यह संगठन बच्चों को मानव बम बनाकर हमले कराता है.

Related Articles

Back to top button