ambikapur: ये हैं 21 वीं सदी का गांव, गर्भवती को झेलेगी में बैठाकर घरवाले ऐसे पहुंचे अस्पताल, तब बची जान

शिव शंकर साहनी@सरगुजा। (ambikapur) जिले के मैनपाट से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है।

जो जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कमियों को बताने के लिए काफी है।

21 वीं सदी का ये गांव विकास को तरस रहा है।

(ambikapur)मैनपाट के छोर में बसा कदनई गांव जहा की आबादी महज 1000 है।

इस गांव में  राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाले कोरवा जनजाति के लोग अधिक निवासरत है।

आज एक कोरवा महिला को प्रसव पीड़ा हुई।

(ambikapur)उसके बाद पीड़िता के परिजनों ने झेलेगी में बैठा कर पीड़िता को नदी पार करवाया।

नदी के उस पार स्वास्थ्य विभाग की गाड़ी खड़ी थी जो प्रसूता का इंतजार कर रही थी।

जिसके बाद वाहन में पीड़िता को शांतिपारा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया।

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उसके बाद भर्ती कराया गया है। जहां प्रसूता का इलाज चल रहा है।

इधर जिले के कलेक्टर ने बताया कि मैनपाट के कुछ इलाके पहुंचविहीन है।

जिसे दुरुस्त करने की कोशिश की जा रही है।

बहरहाल गांव के लोगो ने जिला प्रशासन को कई बार जानकारी दी है।

लेकिन आज तक पुल नही बन पाया है।

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लेकिन इन दिनों बरसात के मौसम में रास्ते का अभाव हर गांव में होता है। लेकिन इस गांव की स्थिति सबसे अलग है।

आजादी के बाद से इस गांव में पुल नहीं बन पाया है।

ऐसे में बरसात के दिनों में लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं।

जिसकी वजह से जान भी चली जाती है।

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