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डैम में सैकड़ों टन लकड़ी पहुंचने पर बवाल, वन विभाग ने दी सफाई

दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बीबीएमबी के पंडोह डैम में सैकड़ों टन लकड़ी पहुंचने से विवाद खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर इसे फिल्म ‘पुष्पा’ की तर्ज पर अवैध लकड़ी कटान से जोड़ा जा रहा है। हालांकि, वन विभाग ने इसे अफवाह बताते हुए सफाई दी है।

वन विभाग के प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (PCCF) समीर रस्तोगी ने कहा कि पंडोह डैम में जो लकड़ियां पहुंची हैं, वे प्राकृतिक रूप से टूटी हुई लग रही हैं। फोटो और वीडियो में कहीं भी पेड़ों के कटान के निशान यानी चरान नजर नहीं आ रहे। उनका कहना है कि 24 जून को कुल्लू जिले में बादल फटने और भारी बारिश के चलते ऊंचाई वाले इलाकों से पेड़ बहकर डैम तक पहुंचे हैं।

समीर रस्तोगी ने कहा, “सोशल मीडिया पर बिना जांच के अवैध कटान की बातें कही जा रही हैं, जिससे वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल गिरता है। अगर जांच में चरान की लकड़ी मिलती है, तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने शिमला और कुल्लू के कंजरवेटर्स को दो दिन में जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह लकड़ियां हिमाचल फॉरेस्ट कॉरपोरेशन की भी हो सकती हैं, इसलिए बिना पुष्टि के विभाग पर सवाल उठाना सही नहीं है।

गौरतलब है कि 24 जून को कुल्लू जिले में चार जगह बादल फटने की घटनाएं हुई थीं। इसके बाद गड़सा घाटी से भारी मात्रा में लकड़ी ब्यास नदी के रास्ते पंडोह डैम तक पहुंची। वैसे 2023 में भी थुनाग क्षेत्र में बाढ़ के दौरान बड़ी मात्रा में लकड़ियां बहकर आई थीं। इस मुद्दे पर कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने भी वन विभाग पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू से सख्त जांच की मांग की है।

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