राजनांदगांव

Rajnandgaon: प्रदर्शन समाप्त, हाईवे पर डटे 13 ग्राम पंचायत के ग्रामीणों को मिला बीजेपी का सपोर्ट, संघर्ष समिति बनाकर करेंगे राज्यपाल से मुलाकात

राजनांदगांव। कड़कड़ाती ठंड और बारिश के बीच राजनांदगांव-चंद्रपुर हाईवे पर ग्रामीणों को प्रदर्शन चार दिनों से जारी था। जिले में सीतागांव को ब्लॉक मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर 13 ग्राम पंचायतों के हजारों आदिवासी ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे थे। जो कि बीजेपी नेताओं की समझाइश के बाद समाप्त हो गया है। वहां मौजूद नेताओं ने निम में रहकर आंदोलन करने के साथ समर्थन देने की बात पर ग्रामीणों ने अपनी सहमति दी।

पूर्व सांसद व भाजपा के जिलाध्यक्ष ने प्रदर्शनकारी ग्रामीणों से कहा कि पांचवीं अनुसूची के इलाकों में ग्राम सभा को असीमित अधिकार प्राप्त हैं। ग्रामसभा की सहमति बगैर कोई भी गांव का राजस्व बदला नहीं जा सकता। ग्राम पंचायत में प्रस्ताव पास कर अपना तहसील खुद तय करें। औंधी का अधिकार औंधी को मिल गया है। अब सीतागांव की बारी है। इधर इस मामले को लेकर कांग्रेस-भाजपा में सियासत भी शुरू हो गई है।

प्रदर्शनकारियों से मधुसूदन यादव ने कहा कि एक संघर्ष समिति बनाया जाए और मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री से विधायक के माध्यम से मिला जाए। पांचवीं अनुसूची में राज्यपाल को हस्तक्षेप का अधिकार है। सभी ग्रामीण राज्यपाल से भी मिलेंगे, जिसमें भाजपा आपके साथ है। सीतागांव को अधिकार नहीं मिला तो हम सभी हाईकोर्ट में जाएंगे और भाजपा भी आंदोलन में शामिल होगी।

एसडीएम, तहसीलदार सहित पुलिस प्रशासन की समझाइश के बाद भी ग्रामीण नहीं मानें। कांग्रेस विधायक इंद्र शाह मंडावी ने मोबाइल पर ग्रामीणों से बात की थी और उन्होंने कहा था कि सीतागांव क्षेत्र के लोग जो चाहते हैं वही होगा। वे औंधी में नहीं जाना चाहते हैं तो उन्हें मानपुर में ही रखेंगे। इसके बाद भी ग्रामीण नहीं मानें। सड़क जाम करने से राहगीरों व वाहन चालकों को होनी वाली परेशानी को देखते हुए भाजपा के नेता बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों तक पहुंचे और उन्हें समझाया, जिसके बाद ग्रामीण मान गए।

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औंधी को तहसील बनाए जाने की खबर सामने आने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश

बता दें कि राजनांदगांव के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी को नया जिला बनाने की घोषणा की गई है। औंधी को तहसील बनाए जाने की खबरें सामने आई, जिसके बाद ग्रामीणों का आक्रोश सड़क पर आ गया है। आंदोलनकारियों की एक ही मांग है कि सीतागांव को तहसील बनाया जाए या फिर सीतागांव सेक्टर के 13 ग्राम पंचायतों के लगभग 80 आश्रित गांव मानपुर तहसील में ही रहे।

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