Surajpur: यहां लड़कों के सिर नहीं सज रहा सेहरा, जानिए आखिर क्यों इस गांव में विवाह पर लगा ग्रहण

अंकित सोनी@सूरजपुर। जिले का एक इलाका ऐसा भी है। जहां पिछले कई सालों से किसी भी लड़के के सिर पर सेहरा नहीं सज सका है, सूरजपुर जिले के इस अनोखे गांव के विवाह पर क्यों ग्रहण लगा है।
जिले का प्रतापपुर इलाका, लगभग दो दशकों से ज्यादा समय से हाथियों के आतंक का दंश झेल रहा है, आज भी इस क्षेत्र में 40 से ज्यादा हाथियों का दल विचरण कर रहा है, जो यहां के स्थानीय लोगों के लिए कई तरह की समस्याओं का सबब बना हुआ है, लेकिन कुछ सालों में स्थानीय युवाओं को हाथी के कारण एक नई समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जो उनकी जीवन से जुड़ा है जिससे वह काफी परेशान है,
कोई भी लड़की वाला अपनी बेटी की नहीं कर रहा शादी
दरअसल क्षेत्र में हाथी की समस्या को देखते हुए इस क्षेत्र के गांव में कोई भी लड़की वाला अपनी बेटी की शादी करने को तैयार नहीं है, यही वजह है कि इस साल में इस इलाके के युवाओं के सिर पर सेहरा नहीं सज सका है, कई युवा तो ऐसे भी हैं जिनकी शादी तय भी हो गई थी, लेकिन जैसे ही लड़की वालों को क्षेत्र में हाथियों के आतंक के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने शादी तोड़ दी। लोगों को ऐसा लगता है कि हम अगर अपनी बेटी की शादी कर भी देते है तो उसके साथ कब क्या घटना घट जाए या उसके परिवार के साथ कोई घटना ना घट जाए इससे अच्छा हम यहां या शादी ही ना करें। अब इस इलाके के लोग प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि जल्दी हाथी की समस्या का कोई निराकरण किया जाए ताकि ऊनके भी रिश्ता लग सके ।
जनप्रतिनिधि भी हाथियों के आतंक को मान रहे मुख्य वजह
इस इलाके के जनप्रतिनिधि भी यह मान रहे हैं कि हाथियों के आतंक की वजह से यहां कोई भी पिता अपनी बेटी को ब्याहने को तैयार नही है और किसी तरह शादी की बात आगे बढ़ भी जाती है तो हाथी के ख़ौफ़ से वह रिश्ता जुड़ने से पहले ही टूट जाता है। लोगों का मानना है की हाथी के डर से लोग यहां रिस्ता करने से बच रहे है जिससे गांव में शादी की शहनाई नही बज पा रही है।
आए दिन हाथियों के द्वारा फसलों को पहुंचाया जा रहा नुकसान
इस इलाके में आए दिन हाथियों के द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने, मकान तोड़ने और ग्रामीणों को मौत के घाट उतारने की खबरें एक आम सी बात है। ऐसे में किसी भी बेटी के मां बाप के द्वारा ऐसे इलाकों में शादी के लिए मना करना स्वाभाविक है। साथ ही प्रदेश के शिक्षा मंत्री और प्रतापपुर के विधायक प्रेमसाय सिंह टेकाम भी हाथी की समस्या को गंभीर मान रहे हैं और कहा कि समस्या प्रतापपुर का ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में एक बड़ी समस्या बन गई है हाथियों के समस्या को देखते हुए इसके लिए रणनीति बनाकर काम किया जा रहा l
इस इलाके को हाथियों का आतंक झेलते दो दशक से ज्यादा का समय बीत चुका है, इस दौरान राज्य शासन और वन विभाग की तरफ से हाथियों से निजात के लिए कई दावे किए गए, बावजूद इसके आज भी इस क्षेत्र की स्थिति जस की तस है, ऐसे मे इस नए समस्या ने यहां रहने वाले युवाओं के जीवन को अधर में लाकर खड़ा कर दिया है जो आने वाले दिनों में एक विकराल समस्या बन सकती है ऐसे में शासन प्रशासन को पहल कर जल्द समाधान निकालने की जरूरत है।