धमतरी

Shadow of corona: तीजा-पोला पर कोरोना का कंटेनमेंट, गांव वालों ने लिया ये फैसला, कर रहे ये काम

संदेश गुप्ता@धमतरी. (Shadow of corona) छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्व तीजा पोरा पर भी कोरोना का कंटेनमेंट दिखने लगा है.

गांवो में पंचायत और ग्राम विकास समिति मुनादी करवा रहे हैं.

(Shadow of corona)इस पर्व में न बेटियां मायके आएंगी. न बहुओ को मायके भेजा जाएगा.

इतिहास में ये पहली बार हो रहा है कि किसी महामारी ने तीजा पोरा को कंटेन किया हो.

खेती किसानी पर निर्भर छत्तीसगढ़ के पर्व और संस्कृति भी किसानों से जुड़ी है.

इन्हीं में से एक प्रमुख पर्व तीजा पोरा है. इसे तीजा पोला भी कहते है.

(Shadow of corona)पोला के दिन किसानी में काम आने वाले औजार और बैलो की पूजा होती है.

वहीं तीजा में बेटियां अपने मायके जाती है और तीजा के दिन अपने परिवार के खुशहाली की कामना करती है.

निर्जला वर्त रखती है.

जिसे करेले की सब्जी के साथ भात खाकर तोड़ा जाता है.

इसे करू भात यानी कड़वा भात भी कहते हैं.

महिलाओं में इस पर्व को लेकर खासा उत्साह रहता है.

लेकिन इस बार ये उत्साह करोना की भेट चढ़ गया है.

जान है तो जहान है के नारे को फालो कर रहे है.

इस बार गांवों में फैसला किया गया है कि कोरोना से बचने के लिये कोई बेटी मायके न जाए.

इसके लिये मुनादी करवाई जा रही है.

ऐसा पहली बार लोग देख रहे है कि किसी महामारी के कारण तीजा जैसे पर्व पर बेटियां मायके नहीं जा रही है.

लेकिन कोरोना से बचने के लिए अभी इसके अलावा कोई विकल्प भी नहीं है.

Congress ने कहा-  केन्द्र की भाजपा सरकार कर रही है एनआईए का दुरुपयोग, नहीं चाहती झीरम के षडयंत्र का हो पर्दाफ़ाश

तीजा का उपवास ही परिवार के सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए होता है.

लेकिन ये सब तभी है जब जीवन है.

इसलिए इस साल जान को बचाना ही पहली प्राथमिकता है.

ये गांव के लोग भी भलि भाँति समझते हैं. बेशक ये जागरूकता कोरोना से लड़ने के लिये सबसे जरूरी है.

 

Related Articles

Back to top button