बिलासपुर

Bilaspur की उज्जवला होम में चलता है सेक्स रैकेट पीड़ितों ने किया खुलासा, पीड़ित युवतियों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, तो पुलिस ने दी ये सफाई,Video

मनीष@बिलासपुर। (Bilaspur) छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में पीड़ित और शोषित महिलाओं को आसरा देने के लिए उज्जवला होम की स्थापना की गई थी। इन दिनों छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर की एक और ही छवि बन रही है। यहां पीड़ित और शोषित महिलाओं को आसरा देने के लिए उज्जवला होम्स के नाम से एक संस्था चलाई जाती है। जहां पहुंचने वाली शोषित महिलाओं का भी शोषण हो जाता है। यहां से बाहर निकली पीड़ित महिलाओं ने इस बात की लिखित में शिकायत की है। इनका कहना है कि यहां बड़े ऑर्गेनाइज ढंग से सेक्स रैकेट चलाया जाता है।

(Bilaspur)यहां पहुंचने वाली महिलाओं को जबरिया सेक्स रैकेट में शामिल होने के लिए दबाव डाला जाता है। मना करने पर उनके साथ मारपीट गाली-गलौज और हिंसक व्यवहार की जाती है।  इस पूरे मामले में जब उन्होंने हिम्मत कर पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाही तो पुलिस ने शिकायत लिखने से भी मना कर दिया। आखिरकार जब पूरा मामला मीडिया में आया और पुलिस प्रशासन पर दबाव बना तो इस पर शिकायत दर्ज कर ली गई है।

(Bilaspur)लेकिन जांच की रफ्तार बेहद धीमी है। इन्हीं में से एक शिकायतकर्ता ने बताया कि किस तरह से उसके साथ दैहिक शोषण और अत्याचार होता था और इस मामले पर उसने उज्जवला होम्स के संचालक, कर्मचारी और कई अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यहां तक कि पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

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इसकी शिकायत की तो उन्होंने कहा तुम क्या करोगी मेरे साथ गाली गलौज की गई और जब मैं पहले दिन गई तो मुझे चरित्रहीन तक बोल रहे थे मैं 2 महीने से वहां थी और चौथे दिन के बाद से ही उन्होंने मेरे साथ गलत हरकत किया। जितेंद्र मौर्य ने ऐसा किया तो मैंने कहा कि उस आपके खिलाफ आवाज उठाऊंगी जितेन मौर्या वहां के संचालक है तो उन्होंने मुझे धमकी दी और टॉर्चर करने लगा मेरे साथ मारपीट करने लगा इस बीच मेरे साथी के एक हस्बैंड आए और उन्हीं की वजह से हम बाहर निकल पाए जब हम थाना रिपोर्ट लिखाने गए तो वहां भी एक महिला पुलिस वाली ने हमारे बयान बदला दिए उन्होंने कहा ऐसे नहीं इस तरह से बयान लिखो।

सरकंडा थाना के प्रभारी जेपी गुप्ता के मुताबिक हमारे पास ऐसी कोई घटना नहीं आई है। जिस दिन घटना हुई उस दिन सरकंडा डीएसपी निमिषा पांडे ने एक करके युवतियों से पूछताछ की। उनका स्टेंटमेंट भी ली। उनके बयान की रिकॉर्डिग भी की। उनका आवेदन भी ली। उसी पर से एफआईआर हुआ।  उस समय युवतियों ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया कि उनके साथ कुछ गलत हुआ हो। पूछने पर कही कि हम सुने है यहां ऐसा होता है. चौथी लड़की से भी पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है। वहां पर परिजनों को मिलने नहीं देते हैं। गालीगलौज करते हैं और रूम में बैठा देते हैं।

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