छत्तीसगढ़ में 10,538 शालाओं का युक्तियुक्तकरण पूर्ण,16,165 शिक्षक एवं प्राचार्य हुए समायोजित

रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राज्य में बड़े पैमाने पर युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इस पहल से 16,165 शिक्षक एवं प्राचार्य समायोजित किए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब प्रदेश में कोई भी विद्यालय शिक्षक-विहीन नहीं रहा। पहले जहां 5,936 विद्यालय एकल-शिक्षकीय थे, अब यह संख्या घटकर केवल 1,207 रह गई है।
विभाग ने विषयवार आधार पर अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन किया। यदि किसी संस्था में किसी विषय का शिक्षक अतिशेष था और किसी अन्य विषय का पद रिक्त था, तो ऐसे शिक्षक को युक्तियुक्तकरण के माध्यम से रिक्त पद पर समायोजित किया गया। इस प्रक्रिया में पदस्थापना तिथि, विषय, विकलांगता और परिवीक्षा अवधि जैसे कारकों को ध्यान में रखा गया।
अतिशेष शिक्षकों की गणना उनकी सेवा पुस्तिका में दर्ज मूल विषय के आधार पर की गई है। जिन शिक्षकों ने नए स्थान पर कार्यभार ग्रहण कर लिया है, उनके वेतन आहरण की कार्रवाई पूर्व संस्था से प्राप्त अंतिम वेतन प्रमाणपत्र के आधार पर की जा रही है।
शिक्षकों से प्राप्त अभ्यावेदन और न्यायालयीन मामलों पर भी शासन गंभीरता से विचार कर रहा है। इन मामलों की जांच संभागीय आयुक्त समिति, संचालनालय स्तरीय समिति और शासन स्तरीय समिति में की जा रही है। जल्द ही इनका निराकरण किया जाएगा।
इस व्यापक युक्तियुक्तकरण से न केवल विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता को भी मजबूती मिलेगी। अब छात्रों को सभी विषयों के शिक्षक उपलब्ध होंगे और ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों को भी सीधा लाभ मिलेगा।