धमतरी

Dhamtari: बीच रास्ते आखिर क्यों उलझ गए जिला भाजपा के दो युवा अध्यक्ष, पढ़िए पूरा माजरा

संदेश गुप्ता@धमतरी। (Dhamtari) जिला भाजपा के दो युवा अध्यक्षों के बीच हुई शर्मनाक घटना ने पार्टी की छवि धूमिल की है। पहले सिर्फ गुटबाजी और खींचतान की खबरें आती थी। लेकिन अब सड़क और चौराहों पर भाजपा के दो युवा अध्यक्ष लड़ने लगें हैं। धमतरी में गंगरेल मंडल के अध्यक्ष ऋषभ देवांगन और भाजयुमों के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष विजय मोटवानी बीच बाजार में मामूली बात पर उलझ गए। विवाद इतना बढ़ गया कि नौबत गाली गलौज और हाथापाई पर आ गई। (Dhamtari) और बात शहर में आग की तरह फैल गई

(Dhamtari) इस मामले में ऋषभ देवांगन ने कहा कि विजय मोटवानी  भाजयुमो कार्यकारिणी की सूची जिला अध्यक्ष से पहले खुद देखना चाहता था और इसके लिए लगातार मुझसे जिद कर रहा था। मेरे इंकार के बाद वह अपना आपा खो बैठा और विवाद करने लगा।

विवाद बढ़ा तो हाथापाई तक हो गई। जबकि इस मामले में विजय मोटवानी का कहना है कि ऋषभ देवांगन मुंहफट किस्म का व्यक्ति है।

मेरे द्वारा सूची मांगने पर गाली गलौज पर उतर आया। मैं गाली बर्दाश्त नहीं कर सका और मारपीट हो गई। इस पूरे मामले की शिकायत ऋषभ देवांगन ने जिला अध्यक्ष शशि पवार से की है। वहीं विजय मोटवानी ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमनसिंह से की है।

 इस मामले में धमतरी अध्यक्ष शशि पवार ने कहा कि दोनों पक्ष को बिठाकर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। देखना होगा ये विवाद सुलझता है या और आगे बढ़ता है, क्योंकि मारपीट सार्वजनिक स्थान पर हुई है इसलिए पार्टी की तरफ से भी दोनों पर कार्रवाई की संभावना बनती हैं, लेकिन एक बात तय है कि इस झगड़े से अनुशासित पार्टी होने का ढोल पीटने वाली भाजपा के दावों की हवा निकल रही है।

अंत में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जो जनप्रतिनिधि होते हैं वो नेतृत्वकर्ता भी होता हैं। नेता का चरित्र आदर्श होना चाहिए जो कि मौजूदा घटनाक्रम में मंडल अध्यक्ष और भाजयुमो अध्यक्ष दोनों के पास नहीं दिखाई दे रहा। सड़क पर सरेराह मारपीट करने वाला कतई आदर्श नहीं हो सकता।

उम्मीद है भाजपा के बड़े नेतृत्वकर्ता इस मामले में उचित कार्रवाई कर पार्टी के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता में बेहतर संदेश देने का प्रयास करेंगे।

पर सवाल ये भी है कि पद और प्रतिष्ठा दाव पर लगा कर युवा नेता जनता को क्या सिख़ देंगे की एक मामूली बात पर लड़ाई करना उचित या प्रेम भाव रख कर पार्टी की प्रतिष्ठा का ध्यान रखे..

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