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शिक्षा मंत्री के शराब वाले बयान पर प्रतिक्रिया…डॉक्टर केके ध्रुव और पूर्व विधायक ने जानिए क्या कहा

बिपत सारथी@गौरेला पेंड्रा मरवाही। प्रदेश के शिक्षामंत्री के शराब को लेकर विवादित बयान के बाद अब मरवाही के वर्तमान विधायक डॉक्टर के के ध्रुव और पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेसी पहलवान सिंह मरावी का अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई है। डॉ के के ध्रुव ने एक डॉक्टर के नाते कहा कि दारू की सलाह देना ही नुकसानदायक है फिर चाहे कम हो या ज्यादा। उन्होंने कहा कि डाल्यूट होने से शराब का टॉक्सिक इफेक्ट यानि तीव्रता कम हो जाती है अब शिक्षामंत्री ने किस संदर्भ में कहा ये मैं नहीं जानता। उन्होने कहा कि दवा के रूप में जितना जरूरी है उतनी ही लेनी चाहिये। इसके पीछे डॉ ध्रुव ने आदिवासी समाज और ग्रामीण क्षेत्र का उदाहरण देते हुये कहा कि कुछ लोग दवा के रूप में अधिकार पूर्वक उपयोग करते हैं तो हम उनको तो रोक नहीं सकते पर दूसरे सार्वजनिक जगहों पर इसका उपयोग नहीं कर सकते। वहीं पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पहलवान सिंह मराबी का विवादित बयान सामने आया है। पहलवान सिंह मराबी ने षराब को लेकर मंत्री प्रेमसाय टेकाम के बयान का समर्थन करते हुये कहा कि आज छत्तीसगढ़ और देश में कुछ को छोड़कर अधिकांश लोग शराब पीते हैं। पहलवान सिंह मरावी ने कहा कि आज से नहीं सतयुग से लोग शराब पी रहे हैं और दारू के दस नाम है । आज एक आदिवासी मंत्री ने कह दिया कि दारू को डाल्यूट करके पियो पर राजा इंद्र जब सोमरस के नाम पर पीते थे तो वो भी तो दारू था। ताड़ी भी दारू है सल्फी भी दारू है। और देवासुर संग्राम के समय जब दारू पीते थे तो वो सोमरस था और चिखना खाते थे उसको कहते थे पोरडास करके खाओ। मरावी ने कहा कि यदि आदिवासी कच्ची महुआ दारू पीता है तो मंत्री ने कहा कि ये तेज होता है थोड़ा पानी मिलाकर पियो तो कोई गलत नहीं किया। दारू कभी भी बंद नहीं होने का दावा करते हुये मराबी ने कहा कि चार युग चौहत्त्र चौघड़ी से चला आया है और कोई भी नेता कोई भी मंत्री दारू का भले ही विरोध करें पर वादा करके मुकर जाएंगे पर दारू बंद नहीं होगा। उन्होने कहा कि जब बार खुल रहे है तो वो पीने के लिये हैं जब देवताओं के देवता इंद्र पीते है तो फिर हम लोग तो भूत प्रेतान हैं। वहीं इन दोनों के बयान पर भाजपा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक एक दिवसीय प्रवास पर गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस सरकार बनाने के पहले हाथ में गंगाजल रखकर छत्तीसगढ़ के महिलाओं और जनता से शराबबंदी का वादा किया था.लेकिन शराबबंदी नहीं हुआ और जिस प्रकार से कांग्रेसी नेता मंत्री और विधायक का बयान आ रहा है ऐसा लगता है हास्यप्रद है, यह सरकार को जनता से वादाखिलाफी निश्चित ही भारी पड़ेगी। अब केवल 13 महीना बचा है इस सरकार का कार्यकाल इनको तत्काल शराबबंदी कर देनी चाहिए और अपने वादा को निभाना चाहिए…

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