युक्तियुक्तकरण विवाद: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, शिक्षकों पर नहीं होगी दबावपूर्ण कार्रवाई

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर दायर 100 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जिन शिक्षकों ने नई पदस्थापना में कार्यभार ग्रहण नहीं किया है, उन पर किसी भी प्रकार की दबावपूर्ण कार्रवाई नहीं की जाएगी, जब तक उनकी सुनवाई पूरी नहीं हो जाती।

कोर्ट ने निर्देश दिए कि सभी प्रभावित शिक्षक अपना अभ्यावेदन जिला स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत करें, जिसकी अध्यक्षता कलेक्टर और सचिव जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे। वहीं, जो शिक्षक पहले ही नवीन पदस्थापना पर कार्यभार ग्रहण कर चुके हैं, वे केवल दावा-आपत्ति दर्ज करा सकेंगे।

नियमों की अनदेखी का आरोप

याचिकाकर्ता शिक्षकों का आरोप है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी कर मनमाने ढंग से दूरस्थ विद्यालयों में स्थानांतरण किया गया, जिससे वे प्रभावित हुए हैं। उन्होंने शासन पर यह भी आरोप लगाया कि बिना नियम संशोधन के असंवैधानिक काउंसलिंग कराई गई।

सुनवाई के दौरान प्राचार्य पदोन्नति से जुड़े मामलों में भी सुनवाई पूरी हुई, जिसमें शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत ठाकुर ने पक्ष रखते हुए जवाब प्रस्तुत किया। कोर्ट ने सभी पक्षों को समय-सीमा में जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसके बाद कोई सुनवाई नहीं होगी।

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