रायगढ़

Raigarh: 9 गाँवो के सैकड़ों किसानों का प्रदर्शन,आज दूसरी बार की आर्थिक नाकेबंदी,16 अप्रैल को करेंगे शौचालय साफ

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रायगढ़! क्षेत्र के विकास को सामने रख कर रायगढ़ जिले के पुसौर विकास खण्ड के 9 गाँवो के सैकड़ों किसानों ने अपनी जमीने यहां स्थापित NTPC संयंत्र को दी थी।

तब भूमि लेने के पूर्व उद्योग के अधिकारियों ने किसानो को लोक-लुभावन बातों फंसा लिया था। उनकी बातों में भरोसा करने के बात किसानो ने ख़ुशी-ख़ुशी अपनी जमीन सरकारी उद्योग प्रबंधन को दे दी थी। अब सरकारी कम्पनी के अधिकारी भी झूठा वायदा करेंगे ये किसानों ने नहीं सोचा था। तब उन्होंने कहा था कि अधिग्रहीत जमीन के बदले सरकारी दर पर भूमि का मुआवजा और प्रत्येक प्रभावित परिवार से एक व्यक्ति को NTPC प्रबंधन रोजगार भी देगा।

परंतु सालों बीत जाने के बाद भी जब प्रभावित परिवार के लोगों को रोजगार नहीं मिला तो तमाम प्रयासों के बाद ग्रामीण अंततः आंदोलन की राह पर चल पड़े। मगर पूरी तरह से असंवेदनशील और गैरजिम्मेदार एनटीपीसी प्रबंधन को ग्रामीणों के विरोध का कोई खास प्रभाव नही पड़ा।

आज भी करीब 400 प्रभावित परिवार के युवाओं को एनटीपीसी में स्थाई रोजगार मिलना बाकी है। जिस के विषय में स्वयं छ ग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधायक प्रकाश नायक के अलावा जिला कलेक्टर ने कम्पनी के अधिकारियों को कई बार लिखित और मौखिक आदेश दिया कि प्रभावित परिवार वालों को रोजगार दें।लेकिन उनके कान में जूं तक नहीं रेंगी।

विरोध के इस क्रम में चार दिन पूर्व सांकेतिक आर्थिक नाका बंदी करने वाले ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर लारा संघर्ष के बैनर तले आज पूर्व निर्धारित तिथि 11 अप्रैल 2022 के दिन सुबह से ही पूर्वघोषित आर्थिक नाकेबंदी की। इस दौरान अपनी मांगों को लेकर भुविस्थापितों का हुजूम एनटीपीसी लारा के सभी दरवाजों के सामने खड़े अधिकारियों से मांग पूरी करने का निवेदन किया।

साथ ही घंटो ट्रकों का आवागमन रोके रखा। इस बीच बीच बचाव करने आए एनटीपीसी के कुछ अधिकारियों ने प्रशासन को खबर दी और यह आश्वस्त किया की आप सबकी मांगों को पूरा करने को लेकर प्रबंधन लगातार प्रयास कर रहा है जल्दी ही अच्छी सूचना देंगे। इधर आंदोलन में लगे प्रभावितों ने आश्वासन के बाद यह कहते हुए कि आगामी 16 अप्रैल तक प्रबंधन ने कुछ नही किया तो विरोध स्वरूप आंदोलन कारी युवक एनटीपीसी लारा कर्मचारी/अधिकारियों की कालोनी में स्थिति उनके घरों के शौचालय साफ कर गांधी वादी तरीके से विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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