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छात्रों को जबरन नमाज पढ़ाने के आरोप में फंसे प्रोफेसर्स को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आयोजित एनएसएस कैंप के दौरान छात्रों को जबरन नमाज पढ़ाने के मामले में आरोपी प्रोफेसर्स को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। प्रोफेसर्स ने FIR को राजनीति प्रेरित बताते हुए उसे रद्द करने की याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने खारिज कर दिया है।

दरअसल, यह मामला 26 मार्च से 1 अप्रैल के बीच कोटा क्षेत्र के शिवतराई में लगे एनएसएस कैंप से जुड़ा है। आरोप है कि ईद के दिन हिंदू छात्रों को जबरन नमाज पढ़ने के लिए मजबूर किया गया। इसकी शिकायत आस्तिक साहू, आदर्श कुमार चतुर्वेदी और नवीन कुमार समेत अन्य छात्रों ने कोनी थाने में दर्ज कराई थी। इसके बाद दिलीप झा, मधुलिका सिंह, सूर्यभान सिंह, ज्योति वर्मा, प्रशांत वैष्णव समेत सात प्रोफेसर्स पर एफआईआर दर्ज की गई।

प्रोफेसर्स ने एफआईआर को चुनौती देते हुए कहा कि यह मामला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है और इसे साजिश के तहत 14 दिन बाद दर्ज किया गया। याचिका में यह भी कहा गया कि 150 छात्रों में से सिर्फ तीन ने शिकायत की, बाकी छात्रों ने आरोपों को झूठा बताया है। वहीं मुस्लिम छात्रों ने नमाज अपनी इच्छा से पढ़ी थी।

मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने याचिकाकर्ताओं के तर्कों का विरोध करते हुए कहा कि आरोप गंभीर हैं और जांच में साक्ष्य भी मिल रहे हैं। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि FIR रद्द करना दुर्लभ मामलों में संभव है। जांच को प्रभावित नहीं किया जा सकता, इसलिए याचिका खारिज की जाती है।

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