विवादों में रहे स्वामी? इन बयानों से पूरे देशभर में मची थी खलबली, साईं बाबा पर कहीं थीं ये बातें

नई दिल्ली. द्वारका और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल की उम्र में निधन हो गया। स्वरूपानंद सरस्वती के कई बयानों ने पूरे देश में हलचल मचा दी थी। खासकर साईं बाबा को लेकर उन्होंने कहा था कि उनकी पूजा करने से उल्टा फल मिलेगा। साथ ही उन्हें अयोग्य भी ठहराया था। साईं बाबा की पूजा को गलत बताने वाले शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने अपनी बात को सही बताया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें साईं से नहीं, उनकी पूजा से आपत्ति है।

उन्होंने कहा था कि ‘साईं कहते थे कि सबका अल्लाह एक है। जिसका मालिक कोई और हो, आखिर उसकी पूजा क्यों की जाए?’

शंकराचार्य ने कहा कि साईं बाबा जिंदा नही हैं, इस वजह से उनकी पूजा नहीं की जा सकती। उन्‍होंने कहा था कि ‘भगवान कृष्ण और श्रीराम इसलिए पूजनीय हैं, क्‍योंकि इनके अस्तित्‍व को आज भी माना जाता है। हिंदू धर्म में मंदिर में मूर्ति स्‍थ‍ापित करने के बाद उसमें प्राण प्रतिष्‍ठा भी की जाती है।

2014 में उन्होंने साईं बाबा की पूजा पर टिप्पणी की थी

अप्रैल 2014 में उन्होंने साईं बाबा की पूजा पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि जब मुस्लिम साईं बाबा की पूजा नहीं करते तो हम क्यों करें? उन्होंने साफ शब्दों में साईं बाबा की पूजा को गलत ठहराया था। वरिष्ठ पत्रकार सुनील दत्त पांडे ने बताया कि उन्होंने हरिद्वार में 2014 में हुई प्रेस वार्ता के दौरान यह बात कही थी।

हरिद्वार में गंगा की स्वच्छता को लेकर भी सक्रिय रहे

शंकराचार्य हरिद्वार में गंगा की स्वच्छता को लेकर भी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने गंगा की निर्मलता के लिए किए गए प्रो. जीडी अग्रवाल के अनशन का समर्थन किया था। उन्होंने गंगा स्वच्छता का मुद्दा भी कई बार उठाया था।

राम मंदिर पर दिया था बड़ा बयान
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया था। प्रयागराज में माघ मेले के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के लिए पहुंचे स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने 6 फरवरी 2021 को बयान दिया था। इस पर खूब विवाद गहराया था। मनकामेश्वर मंदिर में मीडिया से बातचीत करते हुए शंकराचार्य ने कहा था कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर नहीं बन रहा है। वहां आने वाले दिनों में विश्व हिंदू परिषद का कार्यालय बनेगा। मंदिर वह बनाते हैं, जो राम को मानते हैं। राम को आराध्य मानते हैं। राम को महापुरुष मानने वाले लोग मंदिर नहीं बनाते।

किसान आंदोलन पर सुनाई थी खरी-खरी
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने किसान आंदोलन पर भी अपनी राय रखी थी। इसको लेकर उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को हल निकालने का संदेश दिया था। नोटबंदी से लेकर किसान बिल तक को उन्होंने सरकार का एक पक्षीय फैसला करार दिया था।

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