Gariyaband: जिम्मेदारों को आवेदन देते-देत थक चुका परिवार, अब बरसात के दिनों में झिल्ली डालकर रहने को मजबूर परिवार
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रवि तिवारी@देवभोग। (Gariyaband) घोघर की रहने वाली जानकी बाई सोरी का आवास देखकर हर कोई शासन के दावों को कोसता नज़र आता है। जानकी बाई के आवास की स्थिति इतनी ज्यादा खराब हो चुकी है कि मिट्टी के बने दीवाल भी फटने लगे हैं। (Gariyaband)मकान झुक गया है। इतना ही नही पिछले तीन साल से जानकी का पोता झविंद्र सोरी झिल्ली डालकर किसी तरह अपने परिवार को बरसात के दिनों में आशियाना दिला पाता है।
मामले में झविंद्र बताता है कि एक दशक हो चुके आवेदन पे आवेदन देते आ रहे हैं। लेकिन आज तक आवेदन पर जिम्मेदारों ने विचार नही किया। आज मिट्टी से बना उनका कच्चा मकान दब चुका है। दीवारों ने भी जवाब देना शुरू कर दिया है। घर का दीवाल चारों तरफ फटने लगा है। झविंद्र के मुताबिक घर में रहते समय हमेशा दहशत बना रहता है की कब कोई घटना ना घट जाए।
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तीन मासूम और बुजुर्ग दादी के साथ रहने को मजबूर
(Gariyaband)जानकी बाई का पोता झविंद्र बताता है कि घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। घर का खपरी भी टूट चुका है। इतना ही नही घर में लगी लकड़ियां भी सड़ चुकी है। किसी तरह लकड़ी के छोटे-छोटे खम्भे गड़ाकर उसे सहारे के तौर पर खड़ा किया गया है।
तब जाकर घर के ऊपर लगी लकड़ियां टिकी हुई है। झविंद्र के मुताबिक आवास की स्थिति खराब होने के बाद भी मजबूरी में तीन मासूम बच्चों के साथ दादी को लेकर रहने को मजबूर हूं। झविंद्र यह भी बताता है कि टूटे हुए मिट्टी के दीवाल को देखकर उसे डर भी बहुत लगता है।
सरपंच ने कहा मिलना चाहिए आवास
घोघर के सरपंच बृजलाल सोरी भी महिला के मकान के विषय में पूरी जानकारी रखते हैं। सरपंच ने बताया कि मकान के मिट्टी के बने दीवाल फट चुके हैं। वही घर में लगी लकड़ियां भी सड़ चुकी है। इतना ही नहीं दीवाल फटने के कारण भी मकान भी दबने लगा है। मामले में सरपंच ने तरुण छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि से चर्चा में कहा कि मामले से अधिकारियों को अवगत करवा चुका हूं। जैसे ही आवास की स्वीकृति मिलेगी, जानकी बाई को पहले प्राथमिकता दी जाएगी।
वही देवभोग सीईओ मनहर लाल मंडावी ने कहा कि अभी कुछ आवास स्वीकृत होने वाले है। ऐसे में मामले की पूरी जानकारी लेकर जानकी बाई को प्राथमिकता में रखकर उनके लिए उचित कदम उठाया जाएगा।