करगिडीह ग्राम के प्राथमिक व माध्यमिक शाला का हाल बेहाल..जर्जर भवन में पढ़ाई करने को मजबूर नौनिहाल

शिव शंकर साहनी@अंबिकापुर। इन तस्वीरों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि छोटे-छोटे नौनिहाल पढ़ाई करने के लिए किस तरह जर्जर भवन में मजबूर है. न ही अच्छी स्कूल की बिल्डिंग है न ही स्कूल में बाउंड्री वॉल गौर करने की बात यह है कि डैम का पानी स्कूल भवन के दीवार पर आकर रूकता है और बरसात के दिनों में यह स्कूल डूब जाता है।
कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
गौरतलब है कि बरसात बीते तकरीबन 2 माह हो गया। उसके बावजूद डैम के पानी का स्तर बढ़ा हुआ है. मौजूदा हालात यह हैं कि डैम का पानी स्कूल भवन का न्यू कटाव कर रहा है और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. जब हमने प्राथमिक शाला के प्रचार से बात की तो उन्होंने क्या बताया सुनिए
शौचालय और हैंड पंप डैम के पानी में डूबा
प्राथमिक शाला से महज 100 मीटर की दूरी पर माध्यमिक शाला करगिडीह का हाल दूसरा नहीं है यहां स्कूल भवन तो डैम के पानी से बचा हुआ है पर यहां का शौचालय और हैंड पंप डैम के पानी में डूबा हुआ है जिससे यहां के छात्र छात्राओं को बाहर खुले में शौच करने जाना पड़ता है जिससे छात्र छात्राओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ।
पिछले 3 वर्षों से अभी तक समस्या का समाधान नहीं
स्कूल के शिक्षक ने बताया कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी लुण्ड्रा को बताया गया है उसके बावजूद पिछले 3 वर्षों से अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।
डुबान इलाका फिर भी हो रहे स्कूल संचालित
घाघर परियोजना पर यह डैम स्थित है और इस इलाके को डुबान इलाका भी घोषित किया जा चुका है। उसके बावजूद ऐसी जगह पर पिछले कई वर्षों से इसी तरह स्कूल संचालित हो रहा है, जबकि विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी होने के बावजूद स्कूल की स्थिति की जानकारी पिछले कई वर्षों से शिक्षा विकास खंड अधिकारी को है। यह सोचने वाली बात है कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने जिला शिक्षा अधिकारी को अभी तक इसकी जानकारी क्यों नहीं दी।