गरियाबंद

Gariyaband: सुपेबेड़ा पहुंची कलेक्टर से ग्रामीणों ने मांगा साफ पानी, कहा- साफ पानी हमारा मौलिक अधिकार, इससे हमें रखा जा रहा वंचित

रवि तिवारी@देवभोग। जिले की डीएम नम्रता गांधी,एसपी जे आर ठाकुर और जिला पंचायत सीईओ रोक्तिमा यादव आज दोपहर सुपेबेडा पहुँचे। इस दौरान जिले की डीएम ने गॉव के बाहर बरगद पेड़ के नीचे जमीन पर बैठकर चौपाल लगाया। डीएम,एसपी और जिला पंचायत सीईओ ने करीब घंटे भर से ज्यादा समय सुपेबेडा में व्यतीत किया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से विस्तृत रूप से चर्चा किया। चर्चा के दौरान गॉव के महेंद्र मसरा ने कलक्टर को बताया कि पिछले तीन साल से वादा किया जा रहा हैं कि गॉव को नदी से शुद्ध पानी दिया जाएगा,लेकिन पीएचई मंत्री से लेकर अधिकारियों का वादा सिर्फ वादा ही बनकर रह गया हैं। महेंद्र ने कहा कि साफ पानी ग्रामीणों का मौलिक अधिकार भी हैं लेकिन वे इसे पाने को तरस रहे हैं। महेंद्र ने कलक्टर को बताया की गॉव के आरो को भी जिस हैंडपम्प से जोड़ा गया हैं, उसका पानी भी पीने योग्य नहीं हैं। वहीं ग्रामीणों की बातों को सुनने के बाद कलक्टर ने मौके पर ही पीएचई के मुख्य कार्यपालन अभियंता प्रमोद कत्तलम को बुलवाया। इसके बाद उन्होंने ग्रामीणों के बीच ही सवाल जवाब किया। जिस पर अधिकारी ने कलक्टर को बताया की नई योजना बनकर तैयार हो गई हैं। जल्द ही बैठक होनी हैं। इसके बाद काम शुरू होने की बात उन्होंने कहि।

तीन दिनों में एम्बुलेंस उपलब्ध करवाने के निर्देश

कलेक्टर नम्रता गांधी को सुपेबेडा के ग्रामीण त्रिलोचन सोनवानी ने बताया कि गॉव के लिए जिले के प्रभारी मंत्री ने एम्बुलेंस देने की घोषणा की थी। मंत्री के घोषणा के बाद भी आज तक एम्बुलेंस नहीं मिला। वहीं ग्रामीण से जानकारी मिलने के बाद तत्काल कलक्टर ने सबके बीच जिले के सीएमएचओ डॉक्टर एन आर नवरत्न को बुलवाया। इसके बाद एम्बुलेंस को लेकर जानकारी मांगी। जिस पर डॉक्टर नवरत्न ने सुरक्षागत कारणों से और गॉव में रखने की व्यवस्था ना होने पर एम्बुलेंस को देवभोग सीएससी में रखने की बात कही। वहीं सीएमएचओ से चर्चा के बाद गॉव की सरपंच चन्द्रकला मसरा ने कलक्टर से चर्चा कर उन्हें भरोशा दिलाया कि एम्बुलेंस को पंचायत के भरोशे सौंपा जाए। पंचायत उसका देखरेख करेगी। जिस पर कलक्टर ने हामी भरते हुए सीएमएचओ को निर्देशित किया कि तीन दिनों के अंदर एम्बुलेंस को पंचायत को सौंपा जाए। वहीं कलक्टर के इस निर्देश के बाद ग्रामीणों ने जिले की डीएम के प्रति आभार व्यक्त किया हैं।

9 महीने से अधूरा पड़ा हैं अस्पताल

गॉव के त्रिलोचन सोनवानी ने बताया कि 9 महीने पहले गॉव में अस्पताल भवन की स्वीकृति मिली थी। वहीं उस काम को ठेकेदार को तीन माह में पूरा करके देना था। आज काम को साल भर बीत चुके हैं लेकिन अधूरा पड़ा हैं। वहीं कार्य के विषय में कलक्टर ने मौके पर ही सीएमएचओ से जानकारी लिया ,जिस पर उन्होंने बताया कि यह कार्य सीजीएमएससी करवा रही थी। भवन का कार्य जिस ठेकेदार को मिला था। उसने एक ही मंजिल का कार्य किया और दूसरे मंजिल को आधा-अधूरा छोड़कर चला गया। उन्होंने बताया कि सम्बंधित ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड भी किया जा चुका हैं। वहीं सीएमएचओ से जानकारी लेने के बाद कलक्टर ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि वे प्रदेश से इस भवन के विषय में जानकारी लेंगी और कोशिस करेंगी की इस भवन का कार्य वे आरईएस से पूरा करवा देंगी।

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