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गरियाबंद

Gariyaband: दो महीने से बिस्तर में चल रही टोंगसिपारा के चेतन की जिंदगी ,इलाज के लिए नहीं हैं पैसे,पैर में सूजन आने से दर्द भरी जिंदगी जीने को मजबूर हैं पीड़ित

रवि तिवारी@देवभोग। देवभोग ब्लॉक के नवीन सुकलीभांठा पंचायत के आश्रित ग्राम टोंगसिपारा का चेतन इन दिनों दर्द भरी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। चेतन पिछले दो महीने से बिस्तर से भी उठ नहीं पाया हैं। स्थिति यह हो गईं हैं कि माँ और पत्नी के सहारे ही वह अपने दिनचर्या की चीज़ों को कर पाता हैं। वही पीड़ित चेतन का दाया पैर भी दिन ब दिन सूजने लगा हैं। चेतन के मुताबिक दांया पैर में पिछले दो महीने से सूजन हर दिन बढ़ता जा रहा हैं, वही दर्द भी बहुत ज्यादा रहता हैं। इसी के साथ ही पैर में ताकत का भी अहसास नहीं होता। चेतन बताता हैं कि जमा पूंजी उसने इलाज में लगा दिया लेकिन किसी तरह का असर नहीं दिखा। परिवार की आर्थिक स्थिति भी बहुत ज्यादा खराब हैं, परिवार के लोग दाने-दाने को मोहताज़ हैं। ऐसे में इलाज के लिए पैसा नहीं होने पर पिछले दो महीने से बिस्तर पर ही जिंदगी काट रहा हूं।

रिश्तेदार भोजन के लिए करते हैं मदद

रुंधे गले से चेतन बताता हैं कि माँ को सिर्फ 10 किलो ही राशन मिलता हैं। वहीं घर में पत्नी और एक बेटी भी हैं। ऐसे में 10 किलो राशन से परिवार का गुजारा नहीं हो पाता। ऐसे स्थिति में अब तक रिश्तेदारों के सहयोग से परिवार के लिए भोजन का इंतज़ाम हो पाता हैं। चेतन के मुताबिक घर में कमाने वाला वह एक मात्र व्यक्ति था। ऐसे में जब घर के मुखिया ने ही खटिया पकड़ लिया हैं तो परिवार को कई-कई दिनों तक सिर्फ चावल खाकर ही जीवन जीने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा हैं।

मदद के लिए लगा रहा गुहार

चेतन कहता हैं कि उसकी जिंदगी पिछले दो महीने से बहुत ज्यादा परेशानियों के बीच कट रही हैं। ना रात को वह सो पाता हैं और ना ही दिन में उसे चैन हैं। घर के अंदर बिस्तर पर लेटे-लेटे वह सिर्फ मदद की गुहार लगा रहा हैं। चेतन का कहना हैं कि वह इलाज करवाने को तैयार हैं, लेकिन पैसे नहीं होने के चलते मजबूरीवश घर में रहकर दिन काटने को मजबूर हैं। चेतन ने शासन-प्रशासन से गुहार लगाई हैं कि उसका इलाज करवाकर उसे इस जिल्लतभरी जिंदगी से छुटकारा दिलवाया जाए। यहां बताना लाज़मी होगा कि चेतन पिछले दस सालों से अपने ससुराल ओड़िसा के रायघर में रह रहा था। जिसके चलते उसका राशन कार्ड भी नहीं बन पाया हैं। सिर्फ माँ के नाम पर ही राशनकार्ड बना हैं। इसी के चलते चेतन का आयुष्मान कार्ड भी अब तक नहीं बना हैं।

मामले में देवभोग सीईओ मनहर लाल मंडावी ने बताया कि पीड़ित पंचायत को नाम जुड़वाने के लिए आवेदन करें। जैसे ही पंचायत के माध्यम से नाम जुड़वाने के लिए आवेदन प्राप्त होगा। तत्काल जनपद स्तर से उसका नाम जोड़ दिया जाएगा।

वहीं देवभोग बीएमओ डॉक्टर अंजू सोनवानी ने कहा कि आपके माध्यम से मुझे जानकारी मिली हैं। मैं पीड़ित के घर जाकर वस्तुस्थिति की जानकारी लुंगी। इसके बाद जल्द ही उचित कदम उठाया जाएगा।

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