गरियाबंद

Gariyaband: किसान विरोधी काला कानून को लेकर खबर छत्तीसी से चर्चा के दौरान क्या कहा जिला पंचायत अध्यक्ष ने…पढ़िए

रवि तिवारी@गरियाबंद। (Gariyaband) किसान विरोधी काला कानून केंद्र की मोदी सरकार को हर हालत में वापस लेना पड़ेगा,जब तक केंद्र की मोदी सरकार किसान विरोधी बिल को वापस नही लेगी। तब तक छत्तीसगढ़ का एक-एक कांग्रेस कार्यकर्ता सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में किसानों के समर्थन में सड़क की लड़ाई लड़ता रहेगा।

स्मृति नीरज ठाकुर ने कही ये बात

(Gariyaband)जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति नीरज ठाकुर ने खबर छत्तीसी से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भारत कृषि प्रधान राज्य है। यहां कृषि देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। वही देश के विकास में अन्नदाताओ की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में आज देश के अन्न दाता जितना परेशान है,उसी को देखकर यही कहा जा सकता है कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार किसान विरोधी बिल लाकर देश के किसानों का विकास रोकना चाहती है।

(Gariyaband)ठाकुर ने कहा कि किसानों के आंदोलन को आज लगभग पखवाड़े भर का समय होने को है। लेकिन इसके बाद भी किसी तरह का उचित कदम किसान हित में ना उठाना। यही दर्शाता है कि मोदी सरकार किसानों की कितनी हितैषी है।

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जिले के कार्यकर्ताओं के प्रति जताया आभार

जिला पंचायत अध्यक्ष ने गरियाबंद जिले के कार्यकर्ताओं के प्रति भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि किसानो के भारत बंद के आव्हान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिशा-निर्देश का पालन करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम के मार्गदर्शन में आज गरियाबंद जिले के कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर थे।

वही जिले के व्यापारी वर्गों का भी अच्छा समर्थन रहा। जिसके बदौलत पूरा गरियाबंद बन्द रहा। ठाकुर ने कहा कि जब तक किसान विरोधी काला कानून वापस नही लिया जाएगा,तब तक कांग्रेस पार्टी का विरोध भी जारी रहेगा।

सीएम भूपेश ही किसान हितेषी नेता

जिला पंचायत अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तारीफ करते हुए कहा कि सीएम भूपेश बघेल ही किसान हितैषी नेता है। ठाकुर ने कहा कि सीएम ने किसानों से निभाये हुए हर वादे को पूरा किया। आज छत्तीसगढ़ के किसान को उनके फसल का सही दाम मिला। आज जहां छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार किसान हितैषी फैसलों से प्रदेश के किसानों का तेजी से विकास कर रही है,तो वही इसके विपरीत केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों से परेसान होकर किसान सड़क की लड़ाई लड़ने को मजबूर हो गए है

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