रैपिडो और उबर पर धोखाधड़ी का केस: बिना लाइसेंस के दे रहे ट्रांसपोर्ट सेवा, RTO की शिकायत पर FIR

मुंबई। मुंबई में मंगलवार को रैपिडो और उबर बाइक टैक्सी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई, जिसमें इन कंपनियों पर राज्य सरकार की अनुमति और लाइसेंस के बिना ट्रांसपोर्ट सेवा देने का आरोप है।

पुलिस ने इनके खिलाफ BNS की धारा 318(3) और मोटर व्हीकल एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। अप्रैल में RTO ने रैपिडो को नोटिस जारी किया था, और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के आदेश के बाद अब FIR दर्ज की गई है।

कर्नाटक में पहले ही बंद हो चुकी हैं बाइक टैक्सी सेवाएं

कर्नाटक में 16 जून से ओला, उबर और रैपिडो बाइक टैक्सी सेवाएं बंद हो गई हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट ने 13 जून को राज्य सरकार के इस फैसले को वैध ठहराया कि निजी दोपहिया वाहन वाणिज्यिक सेवा के लिए उपयोग नहीं किए जा सकते। जब तक मोटर व्हीकल एक्ट के तहत उचित लाइसेंस, बीमा और सुरक्षा नियम लागू नहीं होते, इनका संचालन अवैध माना जाएगा।

संसद तक पहुंचा किराए में भेदभाव का मामला

इससे पहले ओला और उबर पर iPhone और Android यूजर्स से अलग-अलग किराया वसूलने का मामला भी सामने आया, जिसे केंद्र सरकार ने संसद में गंभीरता से लिया। एक सर्वे में पाया गया कि एक जैसी राइड के लिए दोनों प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग कीमतें ली जाती हैं। विशेषज्ञों ने इसे ‘डार्क पैटर्न’ करार दिया है, जो उपभोक्ता कानून के तहत गैर-कानूनी है।

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